युवती से सामूहिक दुष्‍कर्म के बाद दरिंदों ने सड़क पर फेंक दिया, पुलिस ने विक्षिप्त बताकर पल्‍ला झाड़ा Gorakhpur News

गोरखपुर में दरिंदों ने एक युवती से सामूहिक दुष्‍कर्म के बाद उसे सड़क पर फेंक दिया। पुलिस ने युवती को विक्षिप्त बताकर पल्‍ला झाड़ दिया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 15 Sep 2020 11:00 AM (IST) Updated:Tue, 15 Sep 2020 04:39 PM (IST)
युवती से सामूहिक दुष्‍कर्म के बाद दरिंदों ने सड़क पर फेंक दिया, पुलिस ने विक्षिप्त बताकर पल्‍ला झाड़ा Gorakhpur News
युवती से सामूहिक दुष्‍कर्म के बाद दरिंदों ने सड़क पर फेंक दिया, पुलिस ने विक्षिप्त बताकर पल्‍ला झाड़ा Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गुलरिहा इलाके के भटहट कस्बे में अद्र्धनग्न हालत में मिली युवती के अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के मामले की तफ्तीश कर रही महराजगंज जिले की श्यामदेउरवा पुलिस सवालों से घिरती जा रही है। शुरू में युवती को अद्र्धविक्षिप्त बताकर घटना को खारिज करने की कोशिश करने वाली श्यामदेउरवा पुलसि 12 दिन बाद भी यह नहीं तय कर पाई है कि उसके साथ दुष्कर्म हुआ था या नहीं। एक आरोपित का मोबाइल नंबर भी पुलिस पास मौजूद है, लेकिन अभी तक उस नंबर की पड़ताल करने की पुलिस ने जरूरत नहीं समझा। ऐसा तब है, जब एडीजी जोन दावा शेरपा के निर्देश पर इस मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था।

दरिंदों ने सामूहिक दुष्‍कर्म के बाद नर्सिंग होम के सामने फेंक दिया

बाइक सवार पांच युवक दो सितंबर को युवती को भटहट कस्बे में एक नर्सिंगहोम के सामने फेंक गए थे। इस घटना का कस्बे के कई लोग चश्मदीद गवाह हैं। युवती ने पुलिस को बताया था कि अपहर्ता उसे खाली पड़े मकान में ले गए थे। चार अपहर्ता कहीं चले गए थे। उनका पांचवा साथी उसकी रखवाली के लिए रुका हुआ था। उसके बाथरूम जाने पर युवती ने उसे मोबाइल से अपने एक पुरुष मित्र को फोन किया था। अपहर्ता का वह नंबर पुलिस को मिल गया है, लेकिन न तो उसकी काल डिटेल चेक की गई और न ही उस नंबर का इस्तेमाल करने वाले के बारे में पता लगाया गया।

भटहट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से युवती को मेडिकल कालेज में रेफर किया गया था। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टर ने युवती को गायनिक जांच के लिए लिखा था। युवती के मेडिकल कालेज पहुंचने के कुछ देर बाद ही श्यामदेउरवा पुलिस भी पहुंच गई। पीडि़ता के पिता से कुछ देर बातचीत करने के बाद उसे विक्षिप्त बताकर अपहरण और दुष्कर्म की घटना को फर्जी करार दे डाला। इतना ही नहीं पुलिस के कहने पर पीडि़ता के परिवार के लोग उसे लेकर घर चले गए थे।

दो दिन बाद दर्ज हुआ था मुकदमा

पहले दिन से ही श्यामदेउरवा पुलिस घटना को खारिज करने में जुटी रही। इतना ही नहीं उच्चाधिकारियों को इस घटना की भनक नहीं लगने दी। तीन सितंबर को समाचार पत्रों में खबर छपने के बाद अधिकारियों को इस बारे में पता चला तो उन्होंने पूछताछ की। श्यामदेउरवा पुलिस ने उन्हें भी युवती को विक्षिप्त होने की रिपोर्ट देकर गुमराह कर दिया। एडीजी जोन के संज्ञान लेने पर चार सितंबर को पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।

महिलाओं से जुड़े अपराध में तत्काल संज्ञान लेने का निर्देश है। इस तरह के किसी भी मामले की विवेचना में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। युवती के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में पुलिस की लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। - दावा शेरपा, एडीजी जोन

chat bot
आपका साथी