गोरखपुर में कोरोना के दंश के बीच अपने पैरों पर खड़ी हुईं 700 महिलाएं Gorakhpur News

सामुदायिक शौचालयों का लोकार्पण हो चुका है। लोकार्पण के बाद से ही अधिकतर शौचालय बंद होने से महिलाओं को रोजगार नहीं मिल पाया था। जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने अभियान चलाकर शौचालय लोगों के उपयोग के लिए खुलवाए और महिलाओं को रोजगार दिया।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Fri, 04 Jun 2021 04:46 PM (IST) Updated:Fri, 04 Jun 2021 04:46 PM (IST)
गोरखपुर में कोरोना के दंश के बीच अपने पैरों पर खड़ी हुईं 700 महिलाएं Gorakhpur News
इस तरह से बने हैं गोरखपुर में सामुदायिक शौचालय, जागरण।

गोरखपुर, उमेश पाठक कोरोना के दंश के बीच पिछले कुछ समय से आ रही नकारात्मक खबरों के बीच एक बात सुकून देने वाली है। एक ओर जहां लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो रहा था, वहीं दूसरी ओर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 700 महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हुई हैं। आय का जरिया पाकर वे आत्मनिर्भर बनी हैं। यह संभव हुआ है गांवों में बने सामुदायिक शौचालयों से। पंचायती राज विभाग की ओर से पिछले कुछ दिनों से अभियान चलाकर सामुदायिक शौचालयों को खुलवाया जा रहा है और वहां छह हजार रुपये मासिक मानदेय पर एक महिला की तैनाती की जा रही है। अब तक 700 शौचालय खोले जा चुके हैं।

गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए सामुदायिक शौचालय बनवाए गए हैं। गोरखपुर में निर्धारित 1244 सामुदायिक शौचालयों का काम पूरा हो चुका है। इसके लिए स्वच्‍छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत  प्रति शौचालय दो लाख 10 हजार रुपये का विशेष बजट मिला था। मनरेगा एवं राज्य वित्त से भी पैसा खर्च किया गया। करीब पांच से सात लाख रुपये की लागत से सामुदायिक शौचालय बनकर तैयार हो गए।

मुख्यमंत्री ने रोजगार से जोड़ा

सामुदायिक शौचालयों का लोकार्पण हो चुका है। लोकार्पण के दौरान मुख्यमंत्री ने इसकी देखरेख का जिम्मा गांवों में संचालित महिला समूह की सदस्यों को देने का निर्देश दिया था। लोकार्पण के बाद से ही अधिकतर शौचालय बंद थे, इसलिए महिलाओं को रोजगार नहीं मिल पाया था। पर जिले में जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने अभियान चलाकर शौचालय लोगों के उपयोग के लिए खुलवाए और महिलाओं को रोजगार दिया।

हर महीने खर्च होंगे नौ हजार

सामुदायिक शौचालय के रखरखाव पर अधिकतम नौ हजार रुपये हर महीने खर्च करने की तैयारी है। इसमें से छह हजार रुपये अनिवार्य रूप से वहां तैनात महिला के खाते में भेज दिया जाएगा। यह खर्च राज्य वित्त के खाते से वहन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त सफाई के लिए जरूरी वस्तुओं को खरीदने के लिए अधिकतम तीन हजार का बजट निर्धारित किया गया है। महिलाओं का हौसला बढ़ाने के लिए उन्हें एडवांस भुगतान करने की तैयारी है। जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की सुविधा के लिए सामुदायिक शौचालय खुलवाए जा रहे हैं। शौचालय काफी पहले बन गए थे लेकिन इनमें ताला बंद था। मामला संज्ञान में आने पर ताला खुलवाया गया और हर शौचालय पर एक महिला को रोजगार भी मिला है। इस समय करीब 700 सामुदायिक शौचालय लोगों के उपयोग के लिए खुल चुके हैं।

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