अब बर्खास्त शिक्षकों से वसूला जाएगा 26.79 करोड़ रुपये Gorakhpur News

बेसिक शिक्षा विभाग ने जिन शिक्षकों की सूची जिला प्रशासन को भेजी है उनमें सर्वाधिक धनराशि 77 लाख रुपये की वसूली बर्खास्त प्रधानाध्यापक जय प्रकाश मिश्र से की जानी है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Wed, 02 Sep 2020 05:26 PM (IST) Updated:Wed, 02 Sep 2020 05:26 PM (IST)
अब बर्खास्त शिक्षकों से वसूला जाएगा 26.79 करोड़ रुपये Gorakhpur News
अब बर्खास्त शिक्षकों से वसूला जाएगा 26.79 करोड़ रुपये Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी करने वाले शिक्षकों को बर्खास्त करने के बाद अब उनसे रिकवरी की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिले में अब तक बर्खास्त 61 शिक्षकों में 55 की सूची बेसिक शिक्षा विभाग ने जिला प्रशासन को भेज दी है, जिनसे कुल 26.79 रुपये करोड़ की रिकवरी की जाएगी।

फ्राड शिक्षक जय प्रकाश से होगी 77 लाख की वसूली

बेसिक शिक्षा विभाग ने जिन शिक्षकों की सूची जिला प्रशासन को भेजी है उनमें सर्वाधिक धनराशि 77 लाख रुपये की वसूली बर्खास्त प्रधानाध्यापक जय प्रकाश मिश्र से की जानी है। वह जंगल कौडिय़ा विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय भिटनी में तैनात थे।  दूसरे नंबर पर हैं गोला विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय कुनवार बाबू के संजीत कुमार, इनसे 75 लाख रुपये की वसूली होगी। सूची में शामिल चार शिक्षकों ने नई नियुक्ति के कारण वेतन आहरित नहीं किया था, इसलिए उनसे वसूली नहीं होनी है।

जिले में अब तक बर्खास्त हो चुके हैं 61 शिक्षक

पिछले एक साल में फर्जी अंकपत्र और अभिलेखों के जरिये नौकरी के आरोप में जनपद में 61 शिक्षक बर्खास्त व 30 निलंबित किए जा चुके हैं। लगभग दो दर्जन से अधिक शिक्षक विभाग के निशाने पर हैं। यह हाल तब है, जबकि अनामिका शुक्ला प्रकरण के बाद शासन के निर्देश पर जिले में तैनात लगभग साढ़े सात हजार शिक्षकों की जांच जारी है। बीएसए भूपेन्‍द्र नारायण सिंह का कहना है कि जिला प्रशासन को बर्खास्त 55 शिक्षकों की सूची रिकवरी के लिए लेखा विभाग द्वारा तैयार कर भेज दी गई है। शेष की सूची तैयार कराई जा रही है।

फर्जी प्रमाण पत्र पर 24 साल की नौकरी

संत कबीर नगर के शिक्षक के प्रमाण पत्र का दुरुपयोग कर 24 साल से नौकरी कर रहे शिक्षक को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया। गोरखपुर जिले के पिपराइच विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय बहरामपुर में बतौर प्रधानाध्यापक तैनात रामकरन पुत्र रामशब्द की नियुक्ति 1996 में हुई थी। जबकि इसी नाम के असली शिक्षक रामकरन यादव पुत्र रामशब्द यादव निवासी संत कबीर नगर की तैनाती 1995 में नाथनगर विकास खंड के पूमावि में हुई थी। अभिलेखों के परीक्षण में आरोप सही पाए गए। बर्खास्त शिक्षक पांच मार्च से विद्यालय से अनुपस्थित है। बीएसए बीएन सिंह ने बताया कि बर्खास्त शिक्षक पर जल्द ही मुकदमा दर्ज करा रिकवरी की कार्रवाई की जाएगी।

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