अच्छे दिनों की आस लगाए किसानों को झटका

By Edited By: Publish:Wed, 30 Jul 2014 01:35 AM (IST) Updated:Wed, 30 Jul 2014 01:35 AM (IST)
अच्छे दिनों की आस लगाए किसानों को झटका

जागरण संवाददाता, गोरखपुर

अच्छे दिनों की आस लगाए किसानों के लिए यह बुरी खबर है। डीजल के बाद केंद्र सरकार ने यूरिया के भी दाम बढ़ा दिए। माना जा रहा है कि यह यूरिया को नियंत्रणमुक्त करने की शुरुआत है। ऐसा हुआ तो भविष्य में दाम और बढ़ेंगे।

प्रति बोरी सादी यूरिया के लिए किसानों को अब 311 की बजाय 334 रुपये देने होंगे। नीम कोटेड के लिए 325 की जगह 349 रुपये देने होंगे। 2008 में सादी यूरिया के दाम 259 रुपये थे। इस तरह 5 वर्ष में करीब 29 फीसद वृद्धि हो चुकी है।

बढ़ी कीमतें गत 24 जुलाई से लागू भी हो गई। जिन व्यापारियों के पास पुराना स्टाक है उनको प्राथमिकता के आधार पर इस स्टाक को पहले के दाम पर ही बेचना होगा। 24 जुलाई के बाद जो लोग नया स्टाक ले जाएंगे उस पर भले ही पुराना दाम हो, पर उसे नए दाम पर बेच सकेंगे।

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रही सही कसर यूरिया ने पूरी ने पूरी कर दी : संजय सिंह

प्रगतिशील किसान संजय सिंह के मुताबिक डीएपी और पोटाश के दाम पिछले कुछ वर्षो के दौरान कई गुना बढ़ चुके हैं। रही-सही कसर यूरिया ने पूरी कर दी। किसान खेती की बढ़ती लागत से परेशान हैं। सरकार खेती-किसानी पर जोर भी दे रही है। कम लागत में अधिकतम पैदावार पर पूरा फोकस है, पर श्रम, सिंचाई, खाद-बीज और कीटनाशक जैसे जरूरी कृषि निवेशों के दाम इसी तरह बढ़ते रहेंगे तो सरकार की मंशा कैसे पूरी होगी।

फैसला किसानों के हित

मे : डा.डीके सिंह

इफको के क्षेत्र प्रबंधक डा.डीके सिंह के अनुसार शुरुआत में किसानों को भले खराब लगे, पर लंबे समय में यह फैसला उनके हित में होगा। अन्य उर्वरकों के अपेक्षा यूरिया के दाम कम होने से किसान इसका अंधाधुंध प्रयोग करने लगे हैं। नाइट्रोजन, फास्फेटिक और पोटाश के प्रयोग का मानक 4: 2:1 का है। पर कहीं-कहीं नाइट्रोजन के प्रयोग का स्तर 11-12 तक पहुंच गया है। इससे फसल और जमीन दोनों को दीर्घकालीन खतरा है। यूरिया के दाम बढ़ने से किसान उर्वरकों का संतुलित प्रयोग करेंगे जिससे यह खतरा कम हो सकेगा।

(नोट-दाम इफको की यूरिया के हैं। और कंपनियों के दाम में मामूली फर्क संभव है)

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