पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतें छू रहीं आसमान, सब परेशान

गोंडा : डीजल व पेट्रोल की कीमतों में लगातार हो रहे इजाफे ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Sep 2018 10:51 PM (IST) Updated:Sun, 09 Sep 2018 10:51 PM (IST)
पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतें छू रहीं आसमान, सब परेशान
पेट्रोलियम पदार्थो की कीमतें छू रहीं आसमान, सब परेशान

गोंडा : डीजल व पेट्रोल की कीमतों में लगातार हो रहे इजाफे ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। किसानों को जहां खेतों की ¨सचाई के लिए दिक्कतें हो रही हैं, वहीं व्यापारी वाहनों का किराया बढ़ने से परेशान हैं। डीजल के दाम बढ़ने से स्कूली वाहनों का किराया छात्रों के लिए मुसीबत बन गया है। हाल ही में रसोई गैस के दाम भी बढ़े हैं। जिले में सामान्य ईंधन के रूप में पेट्रोल 80.40 रुपये व डीजल 72.72 रुपये प्रति लीटर की दर से मिल रहा है।

जीएसटी के दायरे में लाए जाएं पेट्रोल व डीजल

- किसान धर्मराज का कहना है कि जितने में पहले पेट्रोल मिलता था अब उससे ज्यादा कीमत में डीजल मिल रहा है। ऐसे मे खेतों की जुताई व ¨सचाई कर पाना असंभव हो रहा है। सरकार को देखना चाहिए कि इतने महंगे तेल से खेती कैसी होगी। इमरान खान का कहना है कि हर घर में बाइक है और कोई बिना बाइक के कहीं निकलना नहीं चाहता। ऐसे में पेट्रोल की बढ़ीं कीमतें सबके लिए परेशानी खड़ी कर रहीं हैं। इसे जीएसटी मे लाना बहुत जरूरी हो गया है। विनोद कुमार तिवारी एडवोकेट का कहना है कि तेल में लगातार बढ़ोतरी से स्कूली वाहनों पर भी प्रभाव पड़ रहा है। वाहनों का किराया बढ़ने से सबसे ज्यादा दिक्कत छात्रों व अभिभावकों को हो रही है। डा. अवधेश ¨सह का कहना है कि सरकार डीजल पेट्रोल को जीएसटी में नही ला रही है। सिर्फ अपना खजाना भरकर जनता के जेब पर डाका डालने का काम हो रहा है। जब देश में एक प्रणाली एक कर की व्यवस्था लागू है तो इसके दायरे में पेट्रोल व डीजल क्यों नहीं लाए जाते।

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