..सलामत रहे मेरे भइया की जिंदगानी

गोंडा: रीना सुबह दस बजे से ही जेल के गेट पर खड़ी थी। वह अपने भाई से मिलने आई थी, उसका भाई जेल में बंद

By Edited By: Publish:Sun, 26 Oct 2014 12:09 AM (IST) Updated:Sun, 26 Oct 2014 12:09 AM (IST)
..सलामत रहे मेरे भइया की जिंदगानी

गोंडा: रीना सुबह दस बजे से ही जेल के गेट पर खड़ी थी। वह अपने भाई से मिलने आई थी, उसका भाई जेल में बंद था। जब वह भाई से मिलकर बाहर निकली तो उसके चेहरे पर संतोष का भाव दिखा। साथ ही भाई की उन्नति, कल्याण व लंबी आयु की दुआएं थी। शनिवार को शहर हो या गांव, हर ओर भाइयों की सलामती की दुआओं के साथ बहनों ने पूजन किया। इसके बाद भाई को तिलक लगाकर मिठाइयां खिलाई।

दीपावली के बाद होने वाले भइया दूज पर्व को लेकर शनिवार की सुबह से ही तैयारियां शुरू हो गई थी। बहनें सुबह से ही पूजन की तैयारी में लग गयी थी। गांव व मोहल्लों में एक स्थान पर समूह के रूप में बहनों ने एकत्र होकर पूजन शुरू किया। इसके बाद बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र की कामना ईश्वर से की। पूजन कर रही संगीता, आभा, नीता, प्रतिभा, अनुप्रिया, आरती, पूजा, अंजली का कहना था कि यह पर्व भाइयों की लंबी उम्र के लिए मनाया जाता है। इस दिन पूजन करने से भाई की लंबी उम्र के साथ उसकी प्रगति होती है। पूजन के लिए एकत्र हुई बहनों ने भाइयों की रक्षा के लिए प्रसिद्ध कहानी का भी पाठ किया।

बदला ट्रेंड

- भइया दूज पर पहले भाई बहनों को नेग के तौर पर उपहार देते थे, लेकिन अब उसकी जगह गिफ्ट ने ले ली। शनिवार को पूजन के बाद भाइयों ने बहनों को आकर्षक गिफ्ट भेंट किए। बाहर रह रहे भाइयों ने कोरियर के जरिये बहनों को गिफ्ट भेजे।

यम ने दिया था वर

-पारंपरिक कथाओं के अनुसार सूर्य भगवान की पत्‍‌नी संज्ञा को दो पुत्र मनु और यम तथा एक कन्या थी, जिसका नाम यमुना था। यमुना अपने भाई यमराज को बहुत मानती थी, वह उनसे बराबर आग्रह करती थी कि वह उसके घर पर आकर भोजन करें। लेकिन यमराज अपने काम में व्यस्त रहने के कारण यमुना की बात को टाल जाते थे। काफी वक्त गुजरने के बाद एक दिन यम को अपनी बहन की याद आई, वे अपनी बहन से मिलने गए। बहन से भाई का स्वागत सत्कार किया। जिससे खुश होकर यम ने अपनी बहन को वर मांगने को कहा। जिस पर बहन के मांगे गये वर को यम ने दिया। जिसके बाद से बहनें भाइयों के कल्याण के लिए यह पूजन करती है।

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