यहां तो कागजों में बन रहा गो-आश्रय केंद्र

गोंडा : समय-1.30 बजे। स्थान-चकसेनिया। यहां पशुचर की भूमि पर शिलान्यास का बोर्ड लगा है। कुछ दूर पर कु

By JagranEdited By: Publish:Tue, 05 Feb 2019 12:07 AM (IST) Updated:Tue, 05 Feb 2019 12:07 AM (IST)
यहां तो कागजों में बन रहा गो-आश्रय केंद्र
यहां तो कागजों में बन रहा गो-आश्रय केंद्र

गोंडा : समय-1.30 बजे। स्थान-चकसेनिया। यहां पशुचर की भूमि पर शिलान्यास का बोर्ड लगा है। कुछ दूर पर कुछ बालक मवेशियों को चराते दिखे जबकि पास के ही खेत में बेसहारा जानवर फसल को चट कर रहे थे। गांव के श्रमिक रन्नू, सुखी, धनीराम, रमेश, शिवनाथ व मटरू ने बताया कि उद्घाटन के दिन काम किया था, लेकिन मजदूरी अभी तक नहीं मिली। इसके बाद अभी कार्य शुरू नहीं हुआ। किसानों का कहना है कि इस समय गेहूं की फसल खेतों में लगी है, उम्मीद थी कि जल्द केंद्र बन जाएगा। इससे कुछ राहत मिलेगी लेकिन, एक माह बीतने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। यहां न तो कोई सामग्री डंप थी और न ही निर्माण कार्य हुआ। मनरेगा के तहत यहां गो-आश्रय केंद्र निर्माण की आधारशिला गत 10 जनवरी को जिला पंचायत अध्यक्ष केतकी ¨सह की अगुवाई में रखी गई थी। छपिया ब्लॉक के तेंदुआरानी गांव में भी यही दृश्य देखने को मिला। यहां भी शिलान्यास के बाद कुछ नहीं हुआ। मौके पर कुछ जानवर चर रहे थे, जबकि शिलापट को सुरक्षित करने के लिए बेरीके¨डग की गई थी। यही हाल बभनजोत ब्लॉक के ¨सगारघाट का भी रहा। छपिया व बभनजोत के गो-आश्रय केंद्र के निर्माण की आधारशिला सांसद कीर्तिवर्धन ¨सह व विधायक प्रभात वर्मा ने संयुक्त रूप से रखी थी, लेकिन ये योजना सिर्फ उद्घाटन तक सिमट कर रह गई। वैसे तो सरकारी कागजों में कई केंद्र का निर्माण कार्य प्रगति पर दिखाया जा रहा है। सीएम की नसीहत को दिखा रहे ठेंगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनवरी माह में वीडियो कांफ्रें¨सग करके 10 जनवरी तक बेसहारा जानवरों को आसरा देने का फरमान जारी किया था। इसके लिए अभियान चलाकर गो-आश्रय केंद्र बनाने के निर्देश दिए गए थे। अफसरों ने तेजी दिखाते हुए शिलान्यास तो करा दिया, लेकिन पशुओं को आसरा तो दूर, आश्रय केंद्र ही नहीं बन सका। जेसीबी भी गरज रही

मनरेगा में वैसे तो मशीनों के प्रयोग पर प्रतिबंध है, लेकिन उद्घाटन के साथ ही कार्य स्थलों पर सुबह-शाम जेसीबी भी गरज रही है। हैरत तो इस बात की भी है, कई परियोजनाएं ऐसी हैं जिनकी विभागीय प्रक्रिया तक अभी पूरी नहीं हो सकी है। अफसर सिर्फ उद्घघाटन कराकर प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं। यहां निर्माण कार्य प्रगति पर होने का दावा

नवाबगंज के ग्राम रामापुर व शाहपुर, तरबगंज में विशुनपुर, हलधरऊ में चकसेनिया, मुजेहना में रुद्रगढ़नौसी व दुर्जनपुर, बेलसर में दोहरीजोत, इटियाथोक में रमवापुर हरदोपट्टी, पंडरीकृपाल में टिकरिया, कटराबाजार में गोड़वा व गंडाही, छपिया में तेंदुवारानी, बभनजोत ¨सगारघाट, वजीरगंज में मझारा व कर्नलगंज में गुरवलिया। अफसरों के तर्क

खंड विकास अधिकारी हलधरमऊ एपी ¨सह से जब गो-आश्रय केंद्र निर्माण कार्य बंद होने की वजह पूछी गई तो उनका कहना था कि अभी मी¨टग में हैं। बाद में विस्तार से बताएंगे। कुछ ऐसा ही जवाब बीडीओ बभनजोत व छपिया का भी रहा। उपायुक्त श्रम एवं रोजगार हरिश्चंद्र राम प्रजापति का कहना है कि मनरेगा में जेसीबी के प्रयोग पर रोक है, अन्य योजना में मशीन का प्रयोग हो सकता है। पशु आश्रय केंद्र का निर्माण कार्य क्यों बंद है, संबंधित से जवाब मांगा जाएगा।

chat bot
आपका साथी