नहीं भूलेगा मिलनसार व्यक्तित्व व सहज अंदाज

अपने दो साल से भी अधिक कार्यकाल में यूं तो जिलाधिकारी के बालाजी शांतिपूर्ण तरीके से लोकसभा चुनाव कराने सहित कई कार्यों के लिए जाने जाते रहेंगे लेकिन वह दूसरी बात है जिसके लिए वह यहां के लोगों के ह्रदय में रचे बसे रहेंगे। उनका हंसमुख स्वभाव सहज भाव सरल स्वभाव शायद ही किसी के जेहन से जाए। यही वह बात रही जो बरबस ही उन्हें अपना बना लेती जो कभी उनसे मिलते। काम हो न हो यह अलग है पर मिलने वालों में कोई कभी नाराज

By JagranEdited By: Publish:Sat, 12 Oct 2019 08:07 PM (IST) Updated:Sun, 13 Oct 2019 06:03 AM (IST)
नहीं भूलेगा मिलनसार व्यक्तित्व व सहज अंदाज
नहीं भूलेगा मिलनसार व्यक्तित्व व सहज अंदाज

जासं, गाजीपुर : अपने दो साल एक महीने तीन दिन के कार्यकाल में यूं तो जिलाधिकारी के. बालाजी शांतिपूर्ण तरीके से लोकसभा चुनाव कराने सहित कई कार्यों के लिए जाने जाते रहेंगे, लेकिन वे यहां के लोगों के हृदय में रचे-बसे रहेंगे। उनका हंसमुख स्वभाव, सहज अंदाज व सरल भाव शायद ही किसी के जेहन से जाए। यही वह बात रही जो बरबस ही उन्हें अपना बना लेते जो कभी उनसे मिलते। काम हो न हो यह अलग है, पर मिलने वालों में कोई कभी नाराज हुआ ऐसा कोई दिखा नहीं। 

जिलाधिकारी के रूप में उनका यह पहला जिला था। ऐसे में उन्हें जिलाधिकारी का दायित्व निभाना भी था और सीखना भी था। विपरीत परिस्थितियों में भी सहजता और मुस्कान उनके दो ऐसे हथियार थे जो कभी उनका साथ नहीं छोड़े। इसी के बूते वह हर कठिन काम को भी आसान सा बना लेते थे। शासन-सत्ता में रहने वाले राजनीतिक दलों के लोग उन्हें जितना पसंद करते थे उससे कम सम्मान विरोधी दलों में नहीं था। लोकसभा चुनाव में अफजाल अंसारी के मतगणना स्थल पर धरना के बाद उनकी बनाई व्यवस्था पर सभी की सहमति बराबर की रही। बावजूद कुछ मामलों को लेकर भाजपा का एक धड़ा उनसे इन दिनों नाराज चल रहा था। हाल में बाढ़ पीड़ितों में राहत सामग्री बांटने के लिए पहुंचने पर जिस तरीके से सीएम की बेरुखी दिखी थी तभी से उनके जाने को लेकर कयास लगाए जाने लगे थे। इस तबादले को उसी चश्मे से देखा जा रहा है। के. बालाजी अपने कार्यशैली के लिए याद किए जाएंगे।

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