सर्जन न हों तो प्राइवेट चिकित्सक से कराएं नसबंदी
जागरण संवाददाता, गाजीपुर: परिवार कल्याण महानिदेशक डा. नीना गुप्ता ने वीडियो कांफ्रे¨सग के
जागरण संवाददाता, गाजीपुर: परिवार कल्याण महानिदेशक डा. नीना गुप्ता ने वीडियो कांफ्रे¨सग के जरिए गुरुवार को निर्देश दिया कि अगर सर्जन नहीं हैं तो प्राइवेट चिकित्सक को नसबंदी कार्य में लगाया जाए।
कहा कि अब संचालक के टेस्ट में पास होने के बाद ही अल्ट्रासाउंड केंद्रों का नवीनीकरण हो पाएगा। साथ ही नए अल्ट्रासाउंड केंद्रों के संचालन के लिए कराए जाने वाले पंजीकरण का मानक भी निर्धारित कर दिया गया है। इसमें एमबीबीएस और एमडी की डिग्री होना निश्चित किया गया है।
गुरुवार को परिवार कल्याण महानिदेशक डा. नीना गुप्ता ने वीडियो कांफ्रे¨सग के जरिए हिदायत दी कि यदि अस्पताल में सर्जन नहीं हों तो प्राइवेट सर्जन से नसबंदी कराई जाए और प्रति केस के मुताबिक निर्धारित धनराशि का भुगतान किया जाए।
एनआइसी में चल रहे कांफ्रे¨सग में उन्होंने बताया कि वर्ष 2014 से पहले अल्ट्रासाउंड केंद्रों का संचालन करने वाले चिकित्सक का टेस्ट कराया जाएगा। टेस्ट में पास होने के बाद ही उनके केंद्र का नवीनीकरण होगा। वहीं वर्ष 2014 के बाद अल्ट्रासाउंड केंद्र का संचालन करने वाले के लिए मानक का निर्धारण किया गया है। इसके तहत मेडिकल में पीजी की डिग्री होनी अनिवार्य है, साथ अल्ट्रासोनोग्राफी में एमडी अथवा डिप्लोमा के साथ एक वर्ष का अनुभव जरूरी है। साथ ही उन्होंने जनपद में चल रहे जनसंख्या पखवारा के तहत महिला-पुरुष नसबंदी के ग्राफ को बढ़ाने का भी निर्देश दिया। वहीं पुरुष नसबंदी का ग्राफ नहीं बढ़ने पर नाराजगी व्यक्त की। इस मौके पर सीएमओ डा. जीसी मौर्या, एसीएमओ डा. आरके सिन्हा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रभुनाथ, म¨णद्रनाथ ¨सह, पवन श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।