आज की ही रात क्रांतिकारियों ने लूटी थी आंकुसपुर में ट्रेन

दानिश -------------- जागरण संवाददाता गाजीपुर किसान सभा के क्रांतिकारियों ने अपने शौर्य से अंग्रेजों के दांत खटटे कर दिए थे।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Mar 2021 05:14 PM (IST) Updated:Fri, 12 Mar 2021 09:53 PM (IST)
आज की ही रात क्रांतिकारियों ने लूटी थी आंकुसपुर में ट्रेन
आज की ही रात क्रांतिकारियों ने लूटी थी आंकुसपुर में ट्रेन

दानिश

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जागरण संवाददाता, गाजीपुर : किसान सभा के क्रांतिकारियों ने अपने शौर्य से अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए थे। उन्होंने देश की आजादी के प्रति दीवानगी दिखाते हुए ट्रेन को लूट कर उस कारनामे को अंजाम दिया, जिससे अंग्रेजों के पैरों तले जमीन खिसक गई। क्रांतिकारियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर उन्होंने सरकारी खजाने को लूट लिया था। किसान सभा के क्रांतिकारियों ने पब्बर राम के नेतृत्व में 13 मार्च 1941 की रात नंदगंज आंकुसपुर ट्रेन डकैती का सफल संचालन किया था।

जंजीर खींच रोकी थी रेल

पब्बर राम ने अपने साथियों कालिका राय, रामराज राय, रामसुंदर शास्त्री (गाजीपुर), कामता सिंह, मृगराज सिंह, रामनगीना चौधरी, सुखदेव गोड़ (बलिया), केशव पांडेय, बैजनाथ सिंह (गोरखपुर), मुक्तिनाथ शाही, छोटकू मिश्र (आजमगढ़), श्यामलाल (गोंडा) आदि के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था। सभी क्रांतिकारी 13 मार्च 1941 की रात में बलिया से इलाहाबाद जाने वाली वाली डाक गाड़ी में गाजीपुर घाट से सवार हुए। ट्रेन को आंकुसपुर के आगे बढ़ते ही जंजीर खींच कर रोक लिया। ट्रेन रुकते-रुकते सहेड़ी हाल्ट की पुलिया के पास पहुंच गई। क्रांतिकारियों में से दो ट्रेन से उतर गए और हवाई फायर करने लगे। क्रांतिकारी यात्रियों को यह चेतावनी देते हुए फायर कर रहे थे कि कोई नीचे नहीं उतरेगा। क्रांतिकारी इसके साथ ही सरकारी खजाना लूटने लगे। दो क्रांतिकारी ट्रेन के ड्राइवर, एक गार्ड और दो अन्य क्रांतिकारी ट्रेन में चलने वाले पुलिस जवानों को अपने कब्जे में किए हुए थे। बाकी एक डिब्बे में घुसकर कीमती बैग, लिफाफे और अन्य सामान लूट रहे थे। यह सारा काम आधी घंटे में समाप्त हो गया। इस कांड के संबंध में पब्बर राम, कालिका राम, रामराज, रामसुंदर शास्त्री, छोटकू मिश्र, बैजनाथ सिंह, और सुखदेव प्रसाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।

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