श्रद्धा से पूजी गईं मां चंद्रघंटा एवं मां कूष्मांडा, लगे जयकारे

नवरात्र में पूरा इलाका देवीमय हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Oct 2021 05:42 PM (IST) Updated:Sat, 09 Oct 2021 05:42 PM (IST)
श्रद्धा से पूजी गईं मां चंद्रघंटा एवं मां कूष्मांडा, लगे जयकारे
श्रद्धा से पूजी गईं मां चंद्रघंटा एवं मां कूष्मांडा, लगे जयकारे

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : नवरात्र में पूरा इलाका देवीमय हो गया है। शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन मां भगवती की तृतीय शक्ति मां चंद्रघंटा की आराधना की जाती है लेकिन हिदू पंचांग के अनुसार, इस बार तृतीया और चतुर्थी तिथि एक ही दिन होने कारण मां चंद्रघंटा और मां कूष्मांडा की पूजा का शुभ संयोग एक ही दिन होने के कारण मां चंद्रघंटा के साथ कूष्मांडा माता की दर्शन- पूजन के लिए भक्तों की भीड़ मंदिर में उमड़ी। देवी मंदिर मां के जयकारे से गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने सुबह से ही कतार में लगकर परिवार के सुख, समृद्धि की कामना की।

नगर के विभिन्न देवी मंदिरों में सुबह से भक्तों ने कतार में लगकर माता के दर्शन किए। श्रद्धालुओं में महिलाओं की संख्या अधिक रही। विभिन्न देवी मंदिरों में रात्रि जागरण का कार्यक्रम हो रहा है। शाम को महिलाओं के भजन-कीर्तन से पूरा माहौल भक्तिमय हो रहा है। मुहम्मदाबाद : भक्तों ने देवी मंदिर में पहुंचकर मां की अराधना किया। लोगों के घरों में कलश स्थापित कर दुर्गा सप्तसती का पाठ किया जा रहा है। इलाके की प्रसिद्ध मां कष्टहरणी भवानी मंदिर पर दर्शन पूजन की भीड़ रही। नगर के यूसुफपुर महाकाली मंदिर परिसर में दर्शन-पूजन के साथ ही देर शाम भजन-कीर्तन का कार्यक्रम चल रहा है। इसके अलावा तहसील परिसर स्थित मां मनोकामना देवी मंदिर, नवापुरा मोड़, सलेमपुर व तिवारीपुर मोड़ स्थित मां दुर्गा के मंदिर में श्रद्धालु पहुंचकर दर्शन-पूजन में जुटे रहे। गहमर : ज्ञान, वैराग्य व ध्यान की अधिष्ठाती मां के तृतीय स्वरूप व चतुर्थ स्वरूप चंद्रघंटा, कूष्मांडा के दर्शन कर भक्त निहाल हो उठे। कामाख्या मंदिर की परिक्रमा आरंभ कर भक्तों ने मां कामाख्या से मुरादें मांगी। अल सुबह से ही भक्त मां कामाख्या के दर्शन-पूजन के लिए लाइन में लग गए और अपनी बारी का इंतजार करने लगे। भोर में मंगला आरती के बाद कपाट खुलते ही भक्तों ने विधि विधान से मां कामाख्या का दर्शन किया। चंद्रघंटा, कूष्मांडा स्वरूपा मां कामाख्या के दर्शन-पूजन के बाद भक्त मंदिर परिसर स्थित मां काली, भोलेनाथ, मां दुर्गा, मां सरस्वती, मां लक्ष्मी, बजरंग बली, गणेश जी और भैरोनाथ का दर्शन-पूजन किया।

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