नदी के सूख जाने से ¨सचाई को लेकर किसान परेशान
क्षेत्र से होकर गुजर रही मगई नदी के सूखने से तटवर्ती गांवों के किसानों को गेहूं की फसल बचाना मुश्किल हो गया है। साथ ही पशुपालकों को भी परेशानी हो रही है। नदी के किनारे नलकूप आदि की व्यवस्था भी नहीं है। इलाके के सवना रसूलपुर, मोहनपुरा, जकरौली, प्रधान की बरेजी, पहाड़ीपुर, रघुवरगंज, हाटा, मानिकपुर, सिलाईच, खेमपुर, परसा, राजापुर, जोगा मुसाहिब, करीमुद्दीनपुर, गोड़उर, महेंद होते हुए मगई नदी बलिया जनपद में गंगा में जाकर गिरती है।
जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : क्षेत्र से होकर गुजर रही मगई नदी के सूखने से तटवर्ती गांवों के किसानों को गेहूं की फसल बचाना मुश्किल हो गया है। साथ ही पशुपालकों को भी परेशानी हो रही है। नदी के किनारे नलकूप आदि की व्यवस्था भी नहीं है। इलाके के सवना रसूलपुर, मोहनपुरा, जकरौली, प्रधान की बरेजी, पहाड़ीपुर, रघुवरगंज, हाटा, मानिकपुर, सिलाईच, खेमपुर, परसा, राजापुर, जोगा मुसाहिब, करीमुद्दीनपुर, गोड़उर, महेंद होते हुए मगई नदी बलिया जनपद में गंगा में जाकर गिरती है। जंगली पशुओं के प्यास बुझाने के लिए नदी वरदान साबित होती है। किसान नित्यानंद त्रिपाठी, विनोद राय, अवधेश यादव, राम नारायण आदि ने बताया कि इस वर्ष बरसात के सीजन में अंतिम समय बारिश न होने से खेतों में नमी कम हो गई। इसके बावजूद किसी तरह से बोआई कर लिया गया। इस समय फसल को पानी की जरूरत है।