आर्थिक और सामाजिक अभिशाप है भ्रष्टाचार

विश्व भ्रष्टाचार निरोधक दिवस पर गुरुवार को जगह-जगह कार्यक्रम हुआ।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 09 Dec 2021 06:15 PM (IST) Updated:Thu, 09 Dec 2021 06:15 PM (IST)
आर्थिक और सामाजिक अभिशाप है भ्रष्टाचार
आर्थिक और सामाजिक अभिशाप है भ्रष्टाचार

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : विश्व भ्रष्टाचार निरोधक दिवस पर गुरुवार को जगह-जगह कार्यक्रम हुआ। इस दौरान लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जागरूक किया गया। साथ ही इसके प्रति लोगों को सचेत किया गया।

खानपुर : क्षेत्र के मौधा स्थित नवापुरा में विश्व भ्रष्टाचार निरोधक दिवस पर लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ शपथ दिलाई गई। समाजशास्त्री प्राचार्य डा. अनिल कुमार सिंह ने भ्रष्टाचार के दुष्परिणामों को समझाकर लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त समाज बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट आचार एवं विचार सामाजिक और राजनीतिक तौर पर सर्व समाज को प्रभावित करता है। लोकतांत्रिक संस्थाओं की नींव को बचाने के लिए भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होने से रोकने की आवश्यकता है, क्योंकि भ्रष्टाचार कानून के शासन को झुकाकर संवैधानिक प्रक्रियाओं को विकृत करता है। भ्रष्टाचार कई मायनों में देश के आर्थिक विकास और प्रतिभाशाली योग्यताओं को भी दुष्प्रभावित करता है। आज की युवा पीढ़ी को इसके खिलाफ जागरूकता फैलाना है और बताना है कि अपने कार्यस्थल पर भ्रष्टाचार से कैसे लड़ना और बचना चाहिए। मुरारी यादव ने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए भ्रष्टाचार जीवन की सबसे बड़ी बाधाओं में से एक है। अधिक से अधिक युवाओं को एक स्थायी तरीके से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए सशक्त बनाया जाना जरूरी है। जखनियां : अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस पर कुतुबपुर स्थित उदय प्रताप महिला महाविद्यालय में गोष्ठी हुई। मुख्य अतिथि सोशल एक्टिविस्ट अरविद कुमार यादव ने विद्यालय में उपस्थित लोगों भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने तथा रिश्वत न देने की अपील की। बताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लोगों में जागरुकता फैलाना है। प्रेमचंद्र, मनोज यादव, जगलाल, बृजेश, प्रमोद सिंह, हरेंद्र, अवनीश, वीरेंद्र कुमार आदि थे।

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