जलवायु और मिट्टी के मुताबिक करें बीज का चुनाव

जागरण संवाददाता गाजीपुर खरीफ में धान की फसल मुख्य होती है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 09:40 PM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 09:40 PM (IST)
जलवायु और मिट्टी के मुताबिक करें बीज का चुनाव
जलवायु और मिट्टी के मुताबिक करें बीज का चुनाव

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : खरीफ में धान की फसल मुख्य होती है। धान की अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए किसानों को जलवायु और मिट्टी के मुताबिक बीज का चुनाव करना चाहिए। यह कहना है कृषि विज्ञान केंद्र, पीजी कालेज के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक ओमकार सिंह का।

बताया कि बोआई से पूर्व स्वस्थ बीजों की छंटनी कर लेनी चाहिए। इसके लिए दो किलोग्राम नमक को 20 लीटर पानी में मिला कर घोल बना लेना चाहिए। इसमें लगभग तीन किलोग्राम धीरे-धीरे करके धान का बीज डालना चाहिए जो बीज पानी की सतह पर तैरने लगे उसे फेंक दें,क्योंकि ये बीज बेकार होते हैं। उपचारित बीज को गीले बोरे में लपेटकर छाया में रखें। समय समय पर इस बोरे पर पानी सींचते रहें। लगभग 48 घंटे बाद बोरे को खोलें। इससे बीज अंकुरित होकर नर्सरी डालने के लिए तैयार हो जाते हैं। नर्सरी खेत के कुल भाग की 10 वे हिस्से में लगायी जाती है।

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धान की प्रजाति व उनका समय

- धान के विभिन्न प्रजातियों के अनुसार उनके बोने की तिथि और मात्रा भी अलग अलग होती है। जैसे की महीन धान की मात्रा 30 किलोग्राम, मध्यम 35, मोटे धान की मात्रा 45-50 किलोग्राम प्रति/ हेक्टेयर तथा संकर प्रजाति की मात्रा 15 से 18 किलोग्राम/ हेक्टेयर होती है। अवधि के अनुसार कुछ मुख्य प्रजातियां इस प्रकार हैं, जैसे कि जल्दी पकने वाली किस्मों में पूसा-169, नरेंद्र-80, पंत धान-12, मालवीय धान-3022, नरेंद्र धान-2065 और मध्यम पकने वाली किस्मों में पंत धान-10, पंत धान-4, सरजू-52, नरेंद्र-359, नरेंद्र-2064, नरेंद्र धान-2064, पूसा-44, पीएनआर-381 तथा देर से पकने वाली में स्वर्णा सब -1, संभा सब -1, राजेंद्र श्वेता इत्यादि प्रमुख किस्में हैं। ऊसरीली भूमि के लिए धान की किस्में जैसे की नरेंद्र ऊसर धान-3, नरेंद्र धान-5050 इत्यादि प्रमुख किस्में हैं।

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