ठंडा हुआ शहीद के परिजनों का कलेजा

मरदह (गाजीपुर): उड़ी की घटना के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई ने शहीद हरेंद्र यादव के परिजनों के कलेज

By Edited By: Publish:Thu, 29 Sep 2016 08:35 PM (IST) Updated:Thu, 29 Sep 2016 08:35 PM (IST)
ठंडा हुआ शहीद के परिजनों का कलेजा

मरदह (गाजीपुर): उड़ी की घटना के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई ने शहीद हरेंद्र यादव के परिजनों के कलेजे को भी ठंडक पहुंचाई है। गुरुवार को शहीद के देउपुर गांव स्थित घर पर जुटकर लोगों ने इसे देर से लिया गया दुरुस्त कदम बताते हुए पाकिस्तान मुर्दाबाद, हिन्दुस्तान जिन्दाबाद के नारे लगाए। इस दौरान एक बार फिर परिवार के सदस्यों के आंसू बह निकले। सभी ने कहा आतंकियों को छोड़ना नहीं है। पत्नी ने कहा जरूरत पड़े तो मैं भी तैयार हूं दुश्मनों से बदला लेने के लिए।

दरअसल, देश के लोगों के साथ ही शहीद के परिजनों को भी यह अहसास नहीं था कि भारत जवाबी हमला इतनी जल्दी कर सकता है। ऐसे में शहीदों के तेरहवीं के पहले यह कार्रवाई उनकी शहादत का सच्चा ईनाम है। यही वजह है कि जैसे ही इस कार्रवाई की खबर मिली लोग बाग-बाग हो उठे। शहीद के पिता केदार यादव एंव भाई रमायन यादव, पप्पु यादव, रवीन्द्र यादव, नागेन्द्र यादव के अलावा मां प्रभावती एंव पत्नी निर्मला ने भारत के जबाबी हमले को सराहा। पिता केदार ने कहा कि पूरे पाकिस्तान पर हमला कर उसे नेस्तानाबूत कर देना चाहिए। मां प्रभावती ने कहा कि पाकिस्तान से बदला लेने के साथ ही पाकिस्तान में छुपे सारे आतंकवादियों को मार गिराना चाहिए। भाई रवीन्द्र यादव ने कहा कि मेरे भाई की शहादत पर गर्व है। पाकिस्तान पर हमले से भाई के शहादत के गम के बाद खुशी मिल रही है। भारत की सेना ने बदला लेकर देश का मान रखा है। पत्नी निर्मला ने कहा कि वह खुद चाहती है कि वह सेना में भर्ती होकर अपने पति का बदला ले। भाई नगेन्द्र यादव ने कहा कि भारतीय सेना के जबाबी हमले के बाद कलेजे को ठंडक मिली है। हमारा भाई तो नहीं लौटेगा लेकिन धोखे से सोते वक्त हमला करने वाले पाकिस्तानीयों को 18 के बदले हजारों की तादात में भारतीय सेना को मार गिराना चाहिए। हरेन्द्र यादव का त्रयोदशाह 2 अक्टूबर है।

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