मुख्यमंत्री ने जानी लटिया स्थल की महत्ता

जमानियां (गाजीपुर) : लटिया स्थित स्तंभ परिसर में दीप प्रज्ज्वलन के लिए पंहुचे बिहार के मुख्यमंत्र

By Edited By: Publish:Wed, 03 Feb 2016 01:00 AM (IST) Updated:Wed, 03 Feb 2016 01:00 AM (IST)
मुख्यमंत्री ने जानी लटिया स्थल की महत्ता

जमानियां (गाजीपुर) : लटिया स्थित स्तंभ परिसर में दीप प्रज्ज्वलन के लिए पंहुचे बिहार के मुख्यमंत्री स्तंभ पर पुष्प अर्पित किए। इसके बाद पंचशील दीप प्रज्ज्वलन कर प्रार्थना किया। पूजन के बाद मौके पर मौजूद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधीक्षण पुरातत्वविद डा. केसी श्रीवास्तव से उन्होंने स्थल के ऐतिहासिक महत्ता की जानकारी ली। डा. केसी श्रीवास्तव ने बताया की यह स्तम्भ गुप्तकालीन है। यहां गुप्तकालीन राजकीय चिह्न गरुण भी है। यहां उत्खनन के दौरान चार छोटे मंदिरों व मंडप की संरचना का प्रमाण मिला है। हालांकि यहां से कुषाण कालीन मृदभांडों के अवशेष भी मिले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आमधारणा तो यह है कि यह अशोक स्तंभ है। तब केसी श्रीवास्तव ने कहा कि अशोक स्तंभ की पालिस अलग होती है। हालांकि स्तंभ के ऊपर घंट को देखकर कुछ लोग इसे गुप्तकालीन होने की बात कहते हैं। 1872 में क¨नघम ने भी यहां उत्खनन कराया था और गुप्तकालीन बताया था। पुरातत्वविद की बात सुन मुख्यमंत्री मौन हो गए। इसके बाद वह वाहन से सभास्थल की ओर रवाना हो गए। इससे पूर्व हेलीपैड स्थल पर प्रदेश सरकार की ओर से पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश ¨सह ने बुके देकर मुख्यमंत्री का अभिवादन किया। इस मौके पर जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि धनंजय मौर्य, संतोष कुशवाहा, दिनेश जालान आदि थे।

पर्यटन मंत्री की उपेक्षा चर्चा का विषय

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके वाहन में बैठकर मंच पर पहुंचे पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश ¨सह का आयोजकों ने घोर उपेक्षा किया। यह चर्चा का विषय रहा। मंच पर अतिथियों के लिए कुर्सियों के आगे उनका नाम लिखा था परंतु मंत्री का नाम नहीं था। वहीं आयोजकों ने पूरे कार्यक्रम के दौरान एक बार भी उनका नाम नहीं लिया और न ही उनको भाषण के लिए बुलाया गया। हालांकि नीतीश कुमार ने अपने उद्बोधन में उनका नाम लिया। आयोजन स्थल पर इसकी चर्चा रही।

मेला सा रहा नजारा

लटिया महोत्सव के दौरान तहसील से लगायत लटिया तक मेला सा नजारा रहा। सड़क किनारे जगह-जगह खिलौने, धार्मिक पुस्तकें, चाट, पकौड़ी, मिठाई आदि की दुकानें सजी थीं। बच्चों के साथ बड़े बुजुर्गों महिलाओं ने इसका लुत़्फ उठाया।

दूसरे प्रांतों से भी आए अनुयायी

महोत्सव में स्थानीय लोगों की तो सहभागिता रही ही।दूसरे जिलों व बिहार मध्य प्रदेश दिल्ली आदि अन्य प्रांतों से भी अनुयायी यहां पंहुचे थे।

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