गद्दारों की पहचान से पहले खुद 'धड़ाम'
गाजीपुर : बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी के साथ गद्दारी करने वालों की पहचान करने वाले दर्जा प्राप्त रा
गाजीपुर : बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी के साथ गद्दारी करने वालों की पहचान करने वाले दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री समीक्षा से पहले मुख्यमंत्री के कोप का शिकार बन गए। भितरघातियों की लिस्ट तैयार करने की जिम्मेदारी निभाने से एक दिन पहले ही पैदल कर दिए गए। हमीरपुर से जिले के लिए चले पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष रामाधार सिंह राठ लालबत्ती छीने जाते ही लखनऊ में ही हाल्ट बोल गए।
यह खबर मिलते ही सदर व मुहम्मदाबाद विधानसभा क्षेत्र के भितरघातियों का नाम उजागर करने की मंशा लेकर कार्यालयों पर जुटे बूथ अध्यक्षों में मायूसी छा गई। सपा के जिला मीडिया प्रभारी अरुण श्रीवास्तव ने समीक्षा के लिए जारी कार्यक्रमों के रद होने की विज्ञप्ति जारी की। लखनऊ में गत दिनों हुए सपा के अधिवेशन में लिए गए निर्णय के तहत प्रदेश के 26 जिलों में लोकसभा चुनाव में घात करने वाले नेताओं की कलई खोलने के लिए राज्यमंत्रियों को नामित किया।
दो कैबिनेट व एक राज्यमंत्री के जिले में समीक्षा की जिम्मेदारी रामाधार सिंह को सौंपी गई। तय कार्यक्रम के मुताबिक 26 अक्टूबर को सदर व मुहम्मदाबाद, 27 को जखनियां और जंगीपुर, 28 को जमानियां व जहूराबाद तथा 29 को सैदपुर विधानसभा क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों से उन्हें रूबरू होना था। सूत्रों की मानें तो शनिवार को श्री सिंह यहां के लिए रवाना हो चुके थे कि मुख्यमंत्री अखिलेश द्वारा उनके समेत 82 दर्जा प्राप्त राज्यमंत्रियों को बर्खास्त किए जाने का अशुभ समाचार मिला। इसके चलते उनके कदम राजधानी में ही थम गए।
मुखर थे कार्यकर्ता
जिले में पार्टी के साथ गद्दारी करने वाले दिग्गजों की कलई खोलने के लिए कार्यकर्ता मुखर थे। मुहम्मदाबाद में प्रभारी के न आने की सूचना मिलने के बाद कार्यकर्ताओं ने बैठक में अपनी मंशा भी जता दी तो जिला मुख्यालय पर भी एक दिग्गज के बूथ पर मिले मत का ब्यौरा लेकर बैठे थे।
अगले निर्देश का इंतजार : जिलाध्यक्ष
सपा जिलाध्यक्ष राजेश कुशवाहा ने कहा कि ऊपर से मिले निर्देश के आधार पर समीक्षा कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है। आगे प्रदेश कार्यालय से निर्देश मिलने के आधार पर कार्यक्रम तय किया जाएगा।