प्रॉपर्टी कारोबारी की हत्या के आरोपित भाई-भांजा गिरफ्तार

मसूरी थानाक्षेत्र में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के मतदान 11 अप्रैल को प्रॉपर्टी कारोबारी को चार गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस ने उसके भाई व भांजे को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों से हत्या में प्रयुक्त दो तमंचे बरामद हुए हैं। मामले में दूसरा भांजा व मृतक का जीजा अभी भी फरार है। परिवार में प्रॉपर्टी को लेकर विवाद था जिस कारण मुख्य आरोपित व उसकी बहन के परिवार ने हत्या की साजिश रची थी। गौर हो कि काजीपुरा में 11 अप्रैल की सुबह 11 बजे विपिन कुमार(50) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भाई दुष्यंत जीजा इंद्रवीर भांजे आदित्य उर्फ मार्शल व आर्य उर्फ कोतू पर उसे घेरकर चार गोली मारने का आरोप लगा मुकदमा दर्ज कराया गया।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Apr 2019 08:19 PM (IST) Updated:Mon, 22 Apr 2019 08:19 PM (IST)
प्रॉपर्टी कारोबारी की हत्या के आरोपित भाई-भांजा गिरफ्तार
प्रॉपर्टी कारोबारी की हत्या के आरोपित भाई-भांजा गिरफ्तार

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : मसूरी थानाक्षेत्र में लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण के मतदान, 11 अप्रैल को प्रॉपर्टी कारोबारी को चार गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस ने उसके भाई व भांजे को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों से हत्या में प्रयुक्त दो तमंचे बरामद हुए हैं। मामले में दूसरा भांजा व मृतक का जीजा अभी भी फरार है। परिवार में प्रॉपर्टी को लेकर विवाद था, जिस कारण मुख्य आरोपित व उसकी बहन के परिवार ने हत्या की साजिश रची थी। गौर हो कि काजीपुरा में 11 अप्रैल की सुबह 11 बजे विपिन कुमार(50) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। भाई दुष्यंत, जीजा इंद्रवीर, भांजे आदित्य उर्फ मार्शल व आर्य उर्फ कोतू पर उसे घेरकर चार गोली मारने का आरोप लगा मुकदमा दर्ज कराया गया।

एएसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि पुलिस ने मुखबिर की सूचना के आधार पर कचैडा बॉर्डर के पास से काजीपुरा निवासी दुष्यंत और सरधना, मेरठ निवासी मार्शल को गिरफ्तार किया गया है। दुष्यंत ने पूछताछ में बताया कि वे चार भाई बहन हैं। विपिन, दुष्यंत व संजय ने मिलकर काजीपुरा में एक प्लॉट मार्शल के नाम खरीदा था। बाद में प्लॉट विपिन ने बहन को 12 लाख रुपये देकर जमीन अपने नाम करा ली। मगर अलका 15 लाख रुपये मांग रही थी। इसी कारण उसने प्लॉट से कब्जा नहीं छोड़ा। विपिन और आदित्य ने हाईटेक सिटी में 160 वर्गगज का प्लॉट खरीदा था, जिस पर विपिन का कब्जा था। इस प्लॉट में हिस्सा न मिलने के कारण आदित्य व उसका परिवार दुष्यंत के साथ मिल गया। दुष्यंत ने बताया कि प्लॉट के विवाद का मामला पुश्तैनी जमीन तक पहुंच गया था। इसमें बहन अलका भी हिस्सा मांगने लगी थी। बहन को पुश्तैनी जमीन में हिस्सा देने के विपिन खिलाफ था। चुना मतदान का दिन

सीओ सदर प्रभात कुमार ने बताया कि प्रॉपर्टी विवाद को लेकर उनके परिवार में आए दिन कहासुनी और झगड़ा होने लगा। इस कारण दुष्यंत, आदित्य, अलका, इंद्रवीर और आर्य उर्फ कोतू ने मिलकर विपिन की हत्या योजना बनाई। हत्या के लिए मतदान का दिन चुना गया क्योंकि उस दिन पुलिस भी व्यस्त रहती और क्षेत्र में हलचल भी कम होती। हत्या के वक्त चारों आरोपित मौके पर मौजूद थे, जबकि अलका घर के अंदर थी। सीओ सदर का कहना है कि दोनों आरोपित अपराधिक किस्म के व्यक्ति हैं। दुष्यंत 2001 में गांव के ही राजेंद्र की गला दबाकर हत्या के मामले में जेल जा चुका है। आरोपित शौकिया तौर पर अवैध हथियार रखते थे।

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