आउट ऑफ टर्न प्रमोशन की चाह में किया था फर्जी एनकाउंटर

आठ नवंबर 1996 को भोजपुर थाना क्षेत्र स्थित मछली गांव के पुलिया के पास जसवीर, प्रवेश, जलालुद्दीन और अशोक का एंनकाउंटर पुलिस ने प्रमोशन पाने के लिए किया था। फरवरी 2017 में सीबीआइ की विशेष अदालत ने मामले में सुनाए फैसले में भी इस बात को माना है। अदालत का मानना था कि आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाने के लिए पुलिस ने एनकाउंटर किया। सीबीआइ के मुताबिक भोजपुर में मारे गए चारों लोग निहत्थे थे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Sep 2018 09:53 PM (IST) Updated:Thu, 20 Sep 2018 09:53 PM (IST)
आउट ऑफ टर्न प्रमोशन की चाह में किया था फर्जी एनकाउंटर
आउट ऑफ टर्न प्रमोशन की चाह में किया था फर्जी एनकाउंटर

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : आठ नवंबर 1996 को भोजपुर थाना क्षेत्र स्थित मछली गांव के पुलिया के पास जसवीर, प्रवेश, जलालुद्दीन और अशोक का एनकाउंटर पुलिस ने प्रमोशन पाने के लिए किया था। फरवरी 2017 में सीबीआइ की विशेष अदालत ने मामले में सुनाए फैसले में भी इस बात को माना है। अदालत का मानना था कि आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाने के लिए पुलिस ने एनकाउंटर किया।

सीबीआइ के मुताबिक, भोजपुर में मारे गए चारों लोग निहत्थे थे। चाय की दुकान पर बैठे थे। पुलिस चारों को उठाकर ले गई। दो को एक पुलिया पर गोली मारी और दो को खेत में। मामले में सीबीआइ ने महिला आइपीएस अफसर ज्योति बैलूर समेत चार पुलिसकर्मियों को आरोपित किया था। ज्योति बैलूर भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा देकर यूरोप में बस चुकी हैं। मामले में आरोपित चार पुलिसकर्मियों को दोषी करार देते हुए अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। साथ में प्रत्येक पर अलग-अलग जुर्माना लगाया गया था। तत्कालीन एसओ लाल ¨सह पर दो लाख, सब-इंस्पेक्टर जो¨गदर ¨सह पर एक लाख तीस हजार व दो कांस्टेबल सूर्यभान और सुभाष पर 80- 80 हजार का जुर्माना लगाया था। सीबीआइ के लोक अभियोजक ने बताया कि आरोपित आइपीएस अफसर के खिलाफ अदालत से वारंट जारी हैं।

chat bot
आपका साथी