दो लाख का बोझ उठाता हांफ रहा दो कमरे का स्वास्थ्य केंद्र

धनंजय वर्मा साहिबाबाद दो कमरों का स्वास्थ्य केंद्र और दो लाख की आबादी का बोझ। बस यही कह

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Jun 2021 09:00 PM (IST) Updated:Wed, 02 Jun 2021 09:00 PM (IST)
दो लाख का बोझ उठाता हांफ रहा दो कमरे का स्वास्थ्य केंद्र
दो लाख का बोझ उठाता हांफ रहा दो कमरे का स्वास्थ्य केंद्र

धनंजय वर्मा, साहिबाबाद : दो कमरों का स्वास्थ्य केंद्र और दो लाख की आबादी का बोझ। बस यही कह सकते हैं कि बड़ी नाइसांफी है। ट्रांस हिडन में बीते करीब दस साल से लगातार सरकारी अस्पताल की मांग की जा रही है। लोग सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। करें भी क्यों न, हालात सुनेंगे तो दंग रह जाएंगे। ट्रांस हिडन की 20 लाख से अधिक की आबादी के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर 15 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। स्वास्थ्य केंद्र भी ऐसे जो दो कमरे के किराये के मकान में चल रहे हैं। दैनिक जागरण की टीम ने जब इन स्वास्थ्य केंद्रों का जायजा लिया तो केंद्रों पर काम करने वाले कर्मचारी भी अपना दुखड़ा रोते नजर आए।

दरअसल, ट्रांस हिडन के ये 15 नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) बदहाल पड़े किराये के दो से तीन कमरों में चल रहे हैं। कई केंद्रों पर चार पहिया वाहन जाने का रास्ता तक नहीं है। प्रत्येक केंद्र औसतन एक लाख से दो लाख की आबादी का बोझ उठा रहा है। यहां इलाज के नाम पर सर्दी, जुकाम, खांसी और समान्य बुखार जैसी बीमारियों की दवा दी जाती है। बच्चों व गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण जरूर होता है। यहां पहुंचने वाले मरीजों की माने तो सुबह नौ से शाम पांच बजे तक खुलने वाले पीएचसी के कई केंद्रों पर डाक्टर आते हैं और ड्यूटी लगाकर चलते बनते हैं। ऐसे में सरकारी अस्पताल न होने से ट्रांस हिडन के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। निजी अस्पतालों में इलाज महंगा है। मजबूरी में लोग इलाज के लिए दिल्ली और नोएडा जाते हैं। मानकों के अनुसार 50 हजार की आबादी पर नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र होना चाहिए। लेकिन ट्रांस हिडन में एक से दो लाख की आबादी पर एक केंद्र है। दो स्वास्थ्य केंद्रों का हाल :

यूपीएचसी प्रह्लादगढ़ी : दोपहर दो बजे

वसुंधरा सेक्टर 16 में नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) एक किराये के मकान में वर्ष 2013 से चल रहा है। यहां पर एक महिला डाक्टर नियुक्त हैं। आरोप है कि वह अक्सर आती हैं और कुछ देर बैठकर चली जाती हैं। एक फार्मासिस्ट, एक स्टाफ नर्स, एक लैब टेक्नीशियन, पांच एएनएम, एक वार्ड ब्वाय व एक आया समेत 11 लोगों का स्टाफ है। यहां पर सर्दी, जुकाम, बुखार जैसी सामान्य दवा मिलने के साथ बच्चों व गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण होता है। यह स्वास्थ्य केंद्र वसुंधरा सेक्टर-एक से 18 तक दो लाख से अधिक की आबादी के लिए है। यूपीएचसी सरस्वती कालोनी :

साहिबाबाद गांव की सरस्वती कालोनी में किराये के मकान में चल रहे यूपीएचसी तक चार पहिया वाहन नहीं पहुंचते हैं। बुधवार दोपहर ढ़ाई बजे यहां के डाक्टर आदित्य सिसौदिया अनुपस्थित मिले। यहां पर एक-एक फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन, दो नर्स, चार एएनएम समेत तीन अन्य स्टाफ को मिलाकर 12 लोगों का स्टाफ है। यहां से साहिबाबाद गांव, औद्योगिक क्षेत्र साइट चार, पीर कालोनी, झंडापुर और कड़कड़ माडल की 85 हजार से अधिक की आबादी को कवर किया जाता है। यहां गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी या मरीज भर्ती करने की सुविधा नहीं है। स्वास्थ्य केंद्र सुबह नौ से शाम पांच बजे तक ही खुलता है। उधर, मामले में जब सीएमओ एनके गुप्ता से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। विभागों में आपसी सामंजस्य नहीं :

उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद और स्वास्थ्य विभाग के बीच आपसी सामंजस्य को लेकर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं। वसुंधरा सेक्टर-छह में सरकारी अस्पताल के लिए जमीन चिह्नित हो गई है। आवास विकास और स्वास्थ्य विभाग मिलकर जमीन का रेट ही निर्धारित नहीं कर पा रहे हैं, जिससे अस्पताल बनाने में देरी हो रही है। परिषद कह रहा है कि शासन के आदेश पर ही जमीन देंगे। जबकि स्वास्थ्य विभाग निश्शुल्क जमीन लेना चाहता है। अस्पताल की मांग को लेकर वसुंधरा सेक्टर चार बी में लोगों ने बुधवार को भी प्रदर्शन किया। ट्रांस हिडन आरडब्ल्यूए फेडरेशन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र शर्मा के नेतृत्व में लोगों ने प्रदर्शन किया। मौके पर प्रवीण बलूनी, नितिन त्रिपाठी, संजय वर्मा, जेडी चौधरी, धन सिंह, अमन वर्मा, मोहित व अन्य मौजूद रहे। नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आश्रित आबादी लगभग

करहैड़ा डेढ़ लाख

मकनपुर (इंदिरापुरम) तीन लाख

खोड़ा गांव एक लाख

साधना एंक्लेव खोड़ा डेढ़ लाख

वैशाली सेक्टर एक एक लाख

महाराजपुर दो डेढ़ लाख

हिडन एयरफोर्स स्टेशन एक लाख

राजबाग डेढ़ लाख

सरस्वती कालोनी एक लाख

वसुंधरा दो लाख

शालीमार गार्डन डेढ़ लाख

फर्रुखनगर पचास हजार

अर्थला एक लाख

कड़कड़ माडल एक लाख

टीला शाहवाजपुर एक लाख

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