पॉलिथीन में राशन देकर तोड़ रहे कानून

कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के चक्र में फंसे लोगों की मदद के लिए बढ़े हाथ कानून तोड़ रहे हैं। बेसहारा बेघर और असहाय लोगों को प्रतिबंधित पॉलीथिन में राशन व खाद्य सामग्री भिजवा रहे हैं।प्रशासनिक नगर निगम और अन्य महकमों के अधिकारी लोगों को जागरूक करने बजाए कानून का उल्लंघन होते देख रहे हैं। इससे भी ज्यादा चिता की बात यह है कि प्रतिबंध होने के बाद से पॉलीथिन दुकानों तक कैसे पहुंच रही है। दुकानों से पॉलीथिन भरे पैकेट उन संगठनों और लोगों तक कैसे पहुंच रहे हैं जो जरूरतमंदों को राशन बांट रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Apr 2020 07:40 PM (IST) Updated:Mon, 06 Apr 2020 06:04 AM (IST)
पॉलिथीन में राशन देकर तोड़ रहे कानून
पॉलिथीन में राशन देकर तोड़ रहे कानून

आशीष गुप्ता, गाजियाबाद : कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन के चक्र में फंसे लोगों की मदद के लिए बढ़े हाथ कानून तोड़ रहे हैं। बेसहारा, बेघर और असहाय लोगों को प्रतिबंधित पॉलिथीन में राशन व खाद्य सामग्री भिजवा रहे हैं। प्रशासनिक, नगर निगम और अन्य महकमों के अधिकारी लोगों को जागरूक करने के बजाय कानून का उल्लंघन होते देख रहे हैं। इससे भी ज्यादा चिता की बात यह है कि प्रतिबंध होने के बाद से पॉलिथीन दुकानों तक कैसे पहुंच रही है। दुकानों से पॉलिथीन भरे पैकेट उन संगठनों और लोगों तक कैसे पहुंच रहे हैं, जो जरूरतमंदों को राशन बांट रहे हैं।

उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (उपयोग एवं निस्तारण का विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश 2018 के तहत 50 माइक्रोन से कम की पॉलिथीन प्रतिबंधित है। इस अध्यादेश में यह भी स्पष्ट है कि प्लास्टिक के अलावा थर्माकोल के डिस्पोजेबल कप, चम्मच, प्लेट और दौने का उपयोग व बिक्री भी प्रतिबंधित हैं। 23 मार्च से लॉकडाउन लागू हुआ है। उसके बाद से शहर में छोटे-बड़े 50 से ज्यादा संगठन और सैकड़ों लोग अपनी आर्थिक क्षमता के हिसाब से उन लोगों की मदद कर रहे हैं, जो लॉकडाउन के चलते कामकाज न होने की वजह दो वक्त के खाने के लिए मोहताज हो गए थे। ऐसा करके ये लोग इंसानियत को जीवनदान दे रहे हैं। लेकिन साथ ही साथ ज्यादातर संगठन और व्यक्ति प्लास्टिक और थर्माकोल के इस्तेमाल को रोकने के लिए बनाए गए कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जरूरतमंदों को प्रतिबंधित पॉलिथीन में पैक करके राशन दिया जा रहा है। पका खाना प्लास्टिक और थर्माकोल की प्लेट और दौने में परोसा जा रहा है। कई जगह तो यह कार्य प्रशासन और नगर निगम अधिकारियों की मौजूदगी में हो हुआ है। किसी ने आपत्ति नहीं जताई। पॉलिथीन इंसानों के लिए ही नहीं प्रकृति के लिए हानिकारक है।

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50 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान

उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (उपयोग एवं निस्तारण का विनियमन) (संशोधन) अध्यादेश 2018 के अनुसार प्रतिबंधित पॉलिथीन का इस्तेमाल, बिक्री या उत्पादन करने पर 50 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा अधिकतम छह माह तक कारावास भी दिया जा सकता है।

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राशन बांटने में पॉलिथीन का इस्तेमाल करना गैर कानूनी है। संगठनों और लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए। जो ऐसा करेगा उस पर प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

- दिनेश चंद्र, नगर आयुक्त

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