एसआइटी ने ग्रेनो प्राधिकरण से मांगी बैकलीज की फाइल

विशेष जांच दल (एसआइटी) ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से बैकलीज के सभी मामलों की फाइल और बोर्ड के आदेश की प्रति मांगी है। प्रदेश सरकार ने बैकलीज के प्रकरणों की जांच के लिए यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर ¨सह के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया है। इसमें नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ समेत आठ अधिकारी शामिल है। फाइल उपलब्ध होते ही जांच शुरू हो जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 07:46 PM (IST) Updated:Mon, 18 Feb 2019 07:46 PM (IST)
एसआइटी ने ग्रेनो प्राधिकरण से मांगी बैकलीज की फाइल
एसआइटी ने ग्रेनो प्राधिकरण से मांगी बैकलीज की फाइल

जागरण संवाददाता, ग्रेटर नोएडा : विशेष जांच दल (एसआइटी) ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से बैकलीज के सभी मामलों की फाइल और बोर्ड के आदेश की प्रति मांगी है। प्रदेश सरकार ने बैकलीज के प्रकरणों की जांच के लिए यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर ¨सह के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया है। इसमें नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ समेत आठ अधिकारी शामिल हैं। फाइल उपलब्ध होते ही जांच शुरू हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि ग्रेटर नोएडा के 124 गांवों के किसानों को लाभ देने के लिए 2009 में बैकलीज पॉलिसी बनी थी। बाद में इसमें जिले को शामिल कर दिया गया। आरोप है कि जिले से बाहर की सीमा में रहने वाले लोगों ने बैकलीज की आड़ में प्राधिकरण से अनुचित लाभ लिया। एक खाते में तीन हजार वर्ग मीटर आबादी छोड़ने का प्रावधान था। अनेक मामलों में तीन हजार वर्ग मीटर से अधिक आबादी छोड़ी गई। बाहरी लोगों की बड़ी संख्या में आबादी छोड़ी गई। दो वर्ष पहले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन चेयरमैन डा. प्रभात कुमार ने बिसरख में बैकलीज की जांच कराई थी। जांच में आठ प्रकरण ऐसे आए, जिनमें जिले से बाहर के लोगों की आबादी बैकलीज के नाम पर छोड़ी गई। जांच रिपोर्ट के बाद प्रदेश सरकार ने इन प्रकरणों की बैकलीज को रद करने के निर्देश दिए हैं। डॉ. प्रभात कुमार के पत्र पर प्रदेश सरकार ने ग्रेटर नोएडा में 2009 से अब तक जितनी भी बैकलीज हुई है, उनकी एसआइटी जांच कराने का फैसला किया है। एसआइटी ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से बैकलीज की सभी फाइल, उनसे जुड़े दस्तावेज, बोर्ड के आदेश की प्रति आदि उपलब्ध कराने को कहा है। वहीं प्राधिकरण ने फाइलों की सूची बनानी शुरू कर दी है। इस सप्ताह के अंत तक एसआइटी को सभी फाइल उपलब्ध करा दी जाएंगी।

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