जेल में बनी बदमाश कंपनी, दो लोगों की हत्या का था इरादा

सिहानी गेट थाना पुलिस ने लुटेरों के ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो पार्षद और अपने सरगना के सहपाठी रहे युवक की हत्या की फिराक में घूम रहा था। इस गिरोह में साल 2017 में हैंडलूम कारोबारी की हत्या और लूट व डकैती में अभ्यस्त 3-3 आरोपित शामिल हैं। 14 मई की रात आरोपित सहपाठी को मारने गए थे लेकिन वह घर से नहीं निकला। लौटते समय डॉक्टर के क्लीनिक में घुसकर चेन अंगूठी व पर्स लूट लिया था।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 May 2019 10:37 PM (IST) Updated:Mon, 20 May 2019 10:37 PM (IST)
जेल में बनी बदमाश कंपनी, दो लोगों की हत्या का था इरादा
जेल में बनी बदमाश कंपनी, दो लोगों की हत्या का था इरादा

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : सिहानी गेट थाना पुलिस ने लुटेरों के ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो पार्षद और अपने सरगना के सहपाठी रहे युवक की हत्या की फिराक में घूम रहा था। इस गिरोह में साल 2017 में हैंडलूम कारोबारी की हत्या और लूट व डकैती में शामिल तीन-तीन बदमाश शामिल हैं। 14 मई की रात आरोपित सहपाठी को मारने गए थे, लेकिन वह घर से नहीं निकला। लौटते समय डॉक्टर के क्लीनिक में घुसकर चेन, अंगूठी व पर्स लूट लिया था। एसपी सिटी श्लोक कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित मेरठ के सरूरपुर निवासी रवि करनावल, बागपत के चांदीनगर निवासी आकाश ललियाना उर्फ कलकल और सिहानी सद्दीकनगर निवासी कुलदीप त्यागी उर्फ मिटू, बंटी त्यागी, प्रिस त्यागी उर्फ पिडा और रवि शर्मा उर्फ कोटला हैं। सभी को भट्टा नंबर पांच से सोमवार सुबह गिरफ्तार किया गया है। इनसे ब्रेजा कार, अपाचे बाइक, तमंचा, रिवॉल्वर, तीन पिस्टल, 18 कारतूस, डॉक्टर से लूटा मोबाइल, चेन व अंगूठी बरामद हुई है। तीन गिरोह से बनाई बदमाश कंपनी

सोमवार को गिरफ्तार छह बदमाश तीन अलग-अलग गिरोह के हैं। इनकी मुलाकात डासना जेल में हुई थी। इनमें एक पेशेवर लुटेरा गिरोह है, जबकि दो रंजिशन हत्या के मामले में जेल गए थे। सीओ सिटी सेकेंड आतिश कुमार सिंह ने बताया कि आठ जून 2017 को कविनगर के बम्हैटा में पार्षद वेदपाल के बेटे जोगेंद्र व भतीजे जुगनी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस वारदात में मुख्य आरोपित गजेंद्र यादव उर्फ गिरीशी व बसपा नेता फूलकुंवर समेत 8-9 लोग जेल गए थे।

वहीं सिहानी गेट थानाक्षेत्र के आंबेडकर रोड पर 21 नवंबर 2017 को हैंडलूम कारोबारी गगन खंडूजा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसमें मिटू, रवि शर्मा और बंटी को गिरफ्तार किया गया था। मिटू गगन के माध्यम से सट्टा लगाता था। वह साढ़े तीन लाख रुपये हार गया था। पैसे न देने पर गगन ने फोन पर मिटू को गाली दे दी थी। गाली देने के एक घंटे के अंदर मिटू ने बंटी व रवि के हाथों गगन की हत्या करा दी थी। उधर, रवि करनावल और आकाश पेशेवर लुटेरे हैं और इनके खिलाफ मेरठ व गाजियाबाद के विभिन्न थानों में लूट के छह और डकैती के तीन मामलों समेत 14 मुकदमे दर्ज हैं। निवाड़ी थाना पुलिस ने बीते साल दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अब इस गिरोह का सरगना मिटू बन गया है।

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