स्वास्थ्य केंद्र में भरा नाले का पानी, ओपीडी बंद

लगातार हो रही बारिश से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नाले और तालाब का पानी भर गया है। जल भराव के कारण तीन दिन से ओपीडी बंद है। केंद्र की छुट्टी होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मरीज स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश सरकार को जमकर कोस रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 Sep 2018 09:58 PM (IST) Updated:Fri, 07 Sep 2018 09:58 PM (IST)
स्वास्थ्य केंद्र में भरा नाले का पानी, ओपीडी बंद
स्वास्थ्य केंद्र में भरा नाले का पानी, ओपीडी बंद

अजय सक्सेना, लोनी

लगातार हो रही बारिश से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नाले और तालाब का पानी भर गया है। जल भराव के कारण तीन दिन से ओपीडी बंद है। केंद्र की छुट्टी होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मरीज स्वास्थ्य विभाग और प्रदेश सरकार को जमकर कोस रहे हैं।

दिल्ली सहारनपुर रोड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एक ओर तालाब है। तालाब में जमालपुरा, अशोक विहार आदि कॉलोनियों का दूषित पानी एकत्र होता है। लगातार हो रही बारिश से तालाब उफन रहा है। तालाब का पानी स्वास्थ्य केंद्र में घुस गया है। केंद्र में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। कमरों में पानी भरने से डाक्टरों ने ग्राउंड फ्लोर के कमरों में बैठना बंद कर दिया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक डा. कैलाश ने बताया कि जलभराव के कारण तीन दिनों से ओपीडी नहीं चल पा रही है। केवल इमरजेंसी केस ही देखे जा रहे हैं। अस्पताल में भरे पानी के कारण प्रसव कक्ष को मंडोला उपकेंद्र में स्थानांतरित किया गया है। नगर पालिका अधिशासी अधिकारी शालिनी गुप्ता का कहना है कि दो पंप सेट लगाकर पानी निकलवाया जा रहा है। कर्मचारियों के आवास में जाने का रास्ता नहीं डाक्टरों और कर्मचारियों के लिए अस्पताल परिसर में आवास बनवाए गए हैं। अस्पताल में जलभराव होने से आवासों में रहना तो दूर आना जाना भी दूभर हो गया है। ग्राउंड फ्लोर के आवासों में पानी भर गया है। उधर, पुरानी बि¨ल्डग जर्जर है। बि¨ल्डग की नींव में पानी भरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। अस्पताल के पावर रूम में भी पानी भरा हुआ है। सप्लाई चालू करने पर कभी भी घटना घटित हो सकती है।

रिक्शा चालक वसूल रहे किराया अस्पताल में पानी भरा होने से पैदल आना जाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। जलभराव का फायदा उठाते हुए रिक्शा चालक केंद्र के आसपास खडे़ रहते हैं। रिक्शा चालक पांच-दस रुपये लेकर एक यात्री को केंद्र के अंदर छोड़कर आ रहे हैं।

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