शिफ्टिग वाली इकाइयों का जल्द शुरू होगा सर्वे

-फोटो- 5 -टीटीजेड की बंदिशों के चलते सालों से अटका कांच उद्योग का विकास गैस कोटा बढ़ाने व इकाई शिफ्ट करने के लिए टीटीजेड में किया आवेदन

By JagranEdited By: Publish:Fri, 15 Jan 2021 06:03 AM (IST) Updated:Fri, 15 Jan 2021 06:03 AM (IST)
शिफ्टिग वाली इकाइयों का जल्द शुरू होगा सर्वे
शिफ्टिग वाली इकाइयों का जल्द शुरू होगा सर्वे

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: सुहागनगरी की एक दर्जन इकाइयां गैस का कोटा बढ़ाने व घनी आबादी से इकाइयों को औद्योगिक आस्थान में शिफ्ट कराने के लिए सालों से प्रयासरत हैं, लेकिन टीटीजेड की बंदिशों के चलते सफलता नहीं मिल सकी। कमिश्नर ने ऐसी इकाइयों का सर्वे करने के लिए टीम गठित कर दी है।

ताज संरक्षित क्षेत्र में बढ़ते प्रदूषण की रोकथाम के लिए जनवरी-2015 से टीटीजेड में नए उद्योग लगाने व क्षमता विस्तार पर रोक लगा दी है। इससे कांच व चूड़ी उद्योग का विकास पूरी तरह थम गया है। उद्यमी क्षमता के अनुरूप कांच उत्पादन के लिए गैस का कोटा बढ़ाने की पांच साल से लगातार मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर सालों से कई इकाइयां घनी आबादी वाले क्षेत्रों में संचालित हो रही हैं। उद्यमियों द्वारा इन इकाइयों को औद्योगिक आस्थान में शिफ्ट करने के निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। 15 दिसंबर को आयोजित टीटीजेड अथारिटी की 154वीं में बैठक में उद्यमियों ने यह मामला प्रमुखता से उठाया था। टीटीजेड अथारिटी अध्यक्ष अनिल कुमार ने पीसीबी, उद्योग विभाग, गेल व यूपीसीडी को संयुक्त रूप से संबंधित इकाइयों का सर्वे कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं, जिससे आगामी टीटीजेड की बैठक में कोई निर्णय लिया जा सके। - इन इकाइयों ने किया है आवेदन: पीसीबी अधिकारियों का कहना है कि क्रिस्टल ग्लास, न्यू सुपर ग्लास, हरिओम ग्लास, मीरा ग्लास, सीएए ग्लास, यूनाइटेड केमिकल सहित एक दर्जन इकाइयों ने टीटीजेड में गैस कोटा बढ़ाने व इकाई शिफ्टिग के लिए आवेदन किया है। - कमिश्नर द्वारा गठित संयुक्त कमेटी द्वारा शिफ्टिग व गैस कोटा बढ़ाने वाली इकाइयों का जल्द सर्वे शुरू किया जाएगा, जिससे अगली बैठक से पहले रिपोर्ट टीटीजेड को सौंपी जा सके। -मनोज कुमार चौरसिया, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण

chat bot
आपका साथी