कोविड हॉस्पिटल में मरीज ढाई घंटे तक करते रहे एम्बुलेंस का इंतजार

- 11 बजे मिली थीं पांच लोगों को छुट्टी एक बजे घर के लिए हो सके रवाना - डीएम की डांट-फटकार बेअसर अक्सर लेटलतीफ पहुंचती है सरकारी एंबुलेंस

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Jun 2020 10:29 PM (IST) Updated:Wed, 10 Jun 2020 06:10 AM (IST)
कोविड हॉस्पिटल में मरीज ढाई घंटे तक करते रहे एम्बुलेंस का इंतजार
कोविड हॉस्पिटल में मरीज ढाई घंटे तक करते रहे एम्बुलेंस का इंतजार

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : डीएम के रियलिटी टेस्ट में एम्बुलेंस सेवा को फेल हुए दस घंटे भी नहीं बीते थे कि एक बार फिर बड़ी लापरवाही हुई। कोविड हॉस्पिटल से डिस्चार्ज किए गए मरीजों को घर तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस का ढाई घंटे इंतजार करना पड़ा। वार्ड से निकलने के बाद मरीज अपना सामान लिए ढाई घंटे तक गेट पर खड़े रहे। इसके बाद रात एक बजे घर के लिए रवाना हो सके।

मेडिकल कॉलेज के सौ शैय्या हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल बनाया गया है। यहां पर जिले भर के कोरोना संक्रमित मरीज भर्ती होते हैं। सोमवार रात आई मरीजों की निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद पांच मरीजों को डिस्चार्ज किया गया। रात साढ़े दस बजे प्रभारी सीएमएस डॉ आलोक कुमार ने एम्बुलेंस 108 के लिए फोन किया। दस मिनट में एम्बुलेंस पहुंचने का जवाब मिला। इसके बाद सभी पांच मरीजों को वार्ड से छुट्टी दे दी गई। इसके बाद ढाई घंटे तक मरीज बैठे रहे। किसी ने अपने घर वालों को बुलाकर उनके साथ जाने को कहा, लेकिन बताया गया कि एम्बुलेंस घर छोड़कर आएगी। लंबे इंतजार के बाद रात एक बजे दो एम्बुलेंस पहुंची, जिसके बाद मरीज घर जा सके।

एक किमी से भी कम दूरी पर खड़ी थी एम्बुलेंस

एम्बुलेंस जिला अस्पताल परिसर में खड़ी रहती हैं। सोमवार रात को भी यहीं एम्बुलेंस खड़ी थी और यहां से कोविड हॉस्पिटल की दूरी एक किमी से भी कम है। इसके बावजूद एम्बुलेंस पहुंचने में ढाई घंटे लग गए। 'एम्बुलेंस के लिए रात साढ़े दस बजे फोन किया था। इसके बावजूद भी एम्बुलेंस ढाई घंटे बाद पहुंची। यह घोर लापरवाही है। इसके संबंध में सीएमओ को लिखित शिकायत की जा रही है।'

डॉ आलोक कुमार, सीएमएस

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