लेखपालों ने भरी हुंकार, आज से मुख्यालय पर देंगे धरना
बोले लेखपाल सरकार न मानी तो और उग्र होगा आंदोलन किसान और विद्यार्थी हो रहे परेशान लगा रहे चक्कर
फीरोजाबाद, जासं, लेखपालों की हड़ताल जारी है। लगातार तीसरे दिन तहसीलों में धरना प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई। शुक्रवार से जिले भर के लेखपाल जिला मुख्यालय पर धरना देने के लिए एकत्र होंगे। हड़ताल के कारण किसान और छात्र-छात्राओं की परेशानी बढ़ने लगी है। वे तहसीलों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनका काम नहीं हो पा रहा है।
सदर तहसील में गुरुवार को धरना सुभाष चंद्र की अध्यक्षता में शुरू हुआ। यहां लेखपालों ने कहा कि यदि अब भी सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। सम्मानजनक वेतन, पेंशन और भत्ता पाना हमारा अधिकार है, लेकिन प्रदेश सरकार इसे देना नहीं चाहती। मीडिया प्रभारी संजय यादव ने बताया कि शुक्रवार से जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस दौरान विनय कुमार, अजीत कुमार, अयाज अहमद, बृजेश कुशवाह, राजकुमार, रविद्र बघेल, देवेंद्र बघेल, दिनेश यादव, अरबाज खान, प्रेमपाल सिंह, ललितेश, प्रियंका मिश्रा, आकांक्षा सक्सेना आदि मौजूद रहीं।
जसराना में तहसील अध्यक्ष पवन यादव ने कहा लंबित मांगों को पूरा कराने के लिए लेखपाल अब आरपार की लड़ाई को तैयार हैं। विनय यादव ने कहा कि जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगे तब तक संघर्ष करते रहेंगे। शिवांश मोहन, वीरपाल सिंह, अवनीश, नेहाल सिंह, सत्येंद्र कुमार, पुष्पेंद्र कुमार, मलखान सिंह, राजीव कुमार, महेश चंद, नारायण सिंह, दाताराम, राघवेंद्र सिंह व अविनाश आदि उपस्थित थे।
शिकोहाबाद में धरने की अध्यक्षता करते हुए अशोक कुमार यादव ने कहा कि हमने अतिरिक्त क्षेत्रों के चार्ज, बाइक और प्रशासनिक वाट्सएप ग्रुप छोड़ दिए हैं। इसके बाद भी सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक संदेश न आने के कारण हड़ताल के लिए बाध्य होना पड़ रहा है। जिलाध्यक्ष विनय यादव, अवनेन्द्र प्रताप सिंह, सुशील यादव, सुमेश चंद्र, चंद्रभान सिंह, पूनम, अल्पना, विवेक प्रताप, नरेन्द्र कुमार, बृजेश कुमार, रामवीर सिंह, शरद दुबे आदि लेखपाल मौजूद रहे।
सिरसागंज में तहसील अध्यक्ष नीलकमल व मन्त्री नेत्रपाल सिंह यादव के नेतृत्व में धरना दिया गया। पदाधिकारियों कहा कि सरकार की अनदेखी के कारण प्रशासनिक कार्यो में अपने जेब से खर्चा करना पड़ता है। जब तक मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक आंदोलन चलता रहेगा। जितेन्द्र सिंह, दयाकिशन, रजनीश शर्मा, रिजवाना सिद्दकी, रवीश कुमार, शालनी तोमर आदि लेखपाल मौजूद थे।