कोरोना भगाने के लिए दीवारों पर करिए एंटी कोरोना पेंट

-घर सजाने के लिए कंपनियों ने कई तरह के पेंट बाजार में उतारे -लोग डिस्टेंपर की जगह प्रीमियम व प्लास्टिक पेंट को दे रहे वरीयता

By JagranEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 06:10 AM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 06:10 AM (IST)
कोरोना भगाने के लिए दीवारों पर करिए एंटी कोरोना पेंट
कोरोना भगाने के लिए दीवारों पर करिए एंटी कोरोना पेंट

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है। दीपावली पर घर सजाने के लिए बाजार में कई तरह के पेंट आए हैं। पहली बार कोरोना भगाने के लिए बाजार में एंटी कोरोना पेंट भी उतारा गया है, जिससे लोग अपने घरों को खूबसूरत रंगों के साथ कोरोना महामारी से भी बचा सकेंगे।

दीपावली के त्योहार पर हर कोई अपनी पसंद के अनुसार घर को संवारना चाहता है। त्योहार नजदीक आते ही घरों व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर साफ-सफाई व रंगाई-पुताई का काम शुरू हो गया है। घर की दीवारों को आकर्षक रंगों से चमकाने के लिए बाजार में पेंट की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़भाड़ नजर आ रही है। घंटाघर स्थित पेंट व्यापारी नवीन जैन बताते हैं कि एशियन कंपनी द्वारा पहली बार रायल हेल्थ शील्ड की ओर से एंटी कोरोना पेंट बाजार में उतारा है, जो 550 रुपए लीटर है। यह पेंट दीवारों पर कोरोना वायरस को टिकने नहीं देगा। कोरोना से बचने के लिए लोग एंटी कोरोना पेंट खरीद रहे हैं। हालांकि यह महंगा होने व जानकारी कम होने के कारण अभी इसकी बिक्री कम हो रही है। - प्रीमियम व प्लास्टिक पेंट की डिमांड बढ़ी: अब समय के साथ-साथ घर सजाने के लिए लोगों की पसंद भी बदल रही है। पहले जहां डिस्टेंपर का चलन अधिक था, वहीं अब लोग प्रीमियम व प्लास्टिक पेंट से घर पेंट कराने को वरीयता दे रहे हैं। वहीं बाहरी दीवारों को चमकाने के लिए अल्टिमा प्रोटेक्ट तथा प्लास्टिक एमल्शन की डिमांड कर रहे हैं। इस पेंट की खासियत है कि यह दीवारों पर सीलन नहीं आने देता। प्रीमियम रेंज में पेंट 350 रुपये व नेरोलेक बर्जर सहित अन्य कंपनियों का पेंट 200 से 250 रुपए लीटर है।

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हर साल की अपेक्षा कलर की बिक्री में काफी गिरावट आई है। नवरात्र शुरू हो गए हैं, घर-घर में माता की चौकी सजी हैं, जिससे अभी ग्राहक कम आ रहे हैं। नवरात्र के बाद बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है।

-सुनील जैन, व्यापारी -कोरोना महामारी से लोग उबर नहीं पाए हैं। इसके साथ महंगाई का असर भी बाजार में दिख रहा है। लोगों के पास पैसा नहीं है, इस कारण हर साल की अपेक्षा रंगों की बिक्री 50 फीसद ही रह गई है।

- यतेंद्र जैन, व्यापारी

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