उद्योग को मिले मदद तो चमके सुहागनगरी

नगर के प्रबुद्ध जनों ने उठाई समस्याएं सहयोग से बदलेगी सूरत सड़क से बस्तियों तक ध्यान की जरूरत एकजुट होने की अपील।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 22 May 2022 05:59 AM (IST) Updated:Sun, 22 May 2022 05:59 AM (IST)
उद्योग को मिले मदद तो चमके सुहागनगरी
उद्योग को मिले मदद तो चमके सुहागनगरी

जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद: कांच उद्योग के लिए दुनिया में मशहूर सुहागनगरी को सरकार के सहयोग की दरकार है। जिले की रीढ़ माने जाने वाले कांच उद्योग को यदि सरकार का सहारा न मिला तो हर वर्ग प्रभावित होगा। वहीं स्मार्ट सिटी योजना के धरातल पर उतारने से पहले दूरगामी परिणामों के आंकलन की जरूरत है। इसके लिए अधिकारियों को शहरवासियों से समन्वय बनाना होगा। शनिवार को जागरण कार्यालय पर आयोजित जागरण विमर्श में शहर के प्रबुद्धजनों ने समस्याओं के साथ निदान के तरीके भी सुझाए।

प्रमुख कांच उद्यमी हेमंत अग्रवाल बल्लू, अभिषेक मित्तल चंचल और एक्सपोर्टर सरवर हुसैन ने कहा कि गैस, केमिकल की कीमतों में वृद्धि से कांच उद्योग से जुड़ी इकाइयों में उत्पादन लागत बढ़ रही है। कांच पर जीएसटी कम न होने से कारोबार प्रभावित हो रहा है। ओडीओपी योजना का असल लाभ अब तक नहीं मिला है। वरिष्ठ अधिवक्ता अनूप चंद्र जैन ने कहा कि यहां देश भर से कारोबारी आते हैं, लेकिन प्रमुख ट्रेनों का ठहराव नहीं मिल पाया।

वहीं व्यापारी नेता अंबेश शर्मा ने सड़कों की समस्या, विश्वमोहन कुलश्रेष्ठ ने ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए सुझाव दिया। समाजसेवी नीतेश अग्रवाल जैन, त्वचा रोग विशेषज्ञ डा.अविनाश अगोर ने शहर के प्रमुख बाजार में टायलेट न होने और गलत तरीके से दुकानों के विस्तार की समस्या उठाई। मौलाना आलम मुस्तफा याकूबी, हिकमत उल्ला खान ने मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में पानी, सड़क और जलभराव की समस्याओं का मुद्दा उठाया। जागरण के एसोसिएट एडिटर उमेश शुक्ल ने प्रबुद्धगणों से विमर्श करते हुए समाज के लिए जागरण की विशेष भूमिका रहने का भरोसा दिलाया। कार्यक्रम में टैक्स अधिवक्ता कुलदीप मित्तल, प्रो.एबी चौबे, सेवार्थ संस्थान के मोहन जिंदल, अरुण जैन आदि मौजूद रहे।

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