अभिलेख न मिलने से अटका सोशल ऑडिट

By Edited By: Publish:Wed, 17 Sep 2014 07:56 PM (IST) Updated:Wed, 17 Sep 2014 07:56 PM (IST)
अभिलेख न मिलने से अटका सोशल ऑडिट

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : ग्राम पंचायत सचिवों की लापरवाही के कारण विकास कार्यो एवं उन पर खर्च धनराशि का सत्यापन नहीं हो पा रहा है। जिले की 10 ग्राम पंचायतों के अभिलेख बार बार मांगने पर भी उपलब्ध नहीं हो सके हैं।

गांव में किस योजना के अंतर्गत कितनी धनराशि खर्च कर कौन सा काम हुआ। इसका सत्यापन सोशल ऑडिट के जरिए शासन द्वारा कराया जाता है। जिससे गांव के बाशिंदे भी हकीकत जान सकें। इस साल सोशल ऑडिट निदेशालय ने जिले की 115 ग्राम पंचायतों का ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए ग्राम पंचायतों में बैठक आयोजित कर 11 जुलाई से 29 सितंबर तक का समय दिया गया था, लेकिन अभी तक 77 पंचायतों का ही ऑडिट हो सका है।

करीब दो दर्जन पंचायतों में ऑडिट की प्रक्रिया चल रही है। मुश्किल उन 10 ग्राम पंचायतों को लेकर आ रही है, जिनके अभिलेख नहीं मिल रहे हैं। ऑडिट टीम द्वारा कई बार पंचायत सचिवों से अभिलेख मांगे गए हैं, लेकिन उपलब्ध न हो पाने के कारण ऑडिट की तारीख भी निकल गई। जिला विकास अधिकारी द्वारा अब इन गांवों में ऑडिट की तारीखें फिर से तय करने के लिए निदेशालय को पत्र लिखा जा रहा है। जिन पंचायतों के अभिलेख नहीं मिले हैं उनमें झपारा, गढ़ी जाफर, देवखेड़ा, रूधऊ, हिम्मतपुर, डोरी, धातरी, कुढ़ीना एवं पिड़सरा शामिल है।

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