कल से घर-घर खोजे जाएंगे टीबी मरीज, 129 टीमें लगी

टीबी से प्रभावित जागरूक मरीज तो अस्पतालों तक पहुंच कर उपचार से जुड़ जाते हैं लेकिन जागरूकता के अभाव में अब भी अनेक रोगी टीबी के लक्षण नहीं पहचान पाते और इस रोग के फेर में अपना जीवन संकट में डाल लेते हैं। अब ऐसे टीबी मरीजों को खोजने के लिए घर-घर टीबी खोजो अभियान प्रारंभ हुआ। जिसमें छिपे मरीजों में रोग की पहचान कर उपचार से जोड़ा जा रहा है। अभियान के पांचवे चरण का आगाज 12 अक्टूबर को होगा जिसके लिए 129 टीमें लगाई गयी हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Oct 2019 05:19 PM (IST) Updated:Thu, 10 Oct 2019 05:19 PM (IST)
कल से घर-घर खोजे जाएंगे टीबी मरीज, 129 टीमें लगी
कल से घर-घर खोजे जाएंगे टीबी मरीज, 129 टीमें लगी

जागरण संवाददाता, फतेहपुर: टीबी से प्रभावित जागरूक मरीज तो अस्पतालों तक पहुंच कर उपचार से जुड़ जाते हैं, लेकिन जागरुकता के अभाव में अब भी अनेक रोगी टीबी के लक्षण नहीं पहचान पाते और इस रोग के फेर में अपना जीवन संकट में डाल लेते हैं। अब ऐसे टीबी मरीजों को खोजने के लिए घर-घर टीबी खोजो अभियान प्रारंभ हुआ। जिसमें छिपे मरीजों में रोग की पहचान कर उपचार से जोड़ा जा रहा है। अभियान के पांचवे चरण का आगाज 12 अक्टूबर को होगा, जिसके लिए 129 टीमें लगाई गयी हैं।

टीबी खोजो अभियान के अब तक चार चरण पूरे हो गए हैं, जिसमें जिले की करीब 12 लाख आबादी में घर-घर जाकर 480 मरीज ऐसे खोजे गए है जिन्हें पता ही नहीं था कि वह टीबी रोग से ग्रसित है। इन्हें सरकारी उपचार से जोड़ा गया है। 12 अक्टूबर से शुरू होने जा रहे पांचवे चरण में तीन लाख की आबादी का सघन सर्वे घर-घर जाकर होगा और टीबी रोगियों को उपचार से जोड़ा जाएगा। इसके लिए जिला क्षय रोग विभाग ने 129 टीमें लगाई है। इसमें आशा बहू, एएनएम और आंगनबाड़ी मानदेय के आधार पर जिम्मेदारी सौंपी गयी है। एक कर्मचारी को एक दिन में 150 रुपये मानेदय के रूप में प्रदान किए जाएंगे। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि 2025 तक देश से टीबी को पूर्णत: मिटाने के संकल्प के साथ यह अभियान शुरू है।

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