क्यूआर कोड से हर पौध पर रहेगी निगाह
जागरण संवाददाता फतेहपुर डिजिटल युग में अब पेड़-पौधे भी शामिल हो गए हैं। क्यूआर कोड
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : डिजिटल युग में अब पेड़-पौधे भी शामिल हो गए हैं। क्यूआर कोड का इस्तेमाल सिर्फ भुगतान में नहीं बल्कि हरियाली पर नजर रखने के लिए भी किया जा रहा है। नौ अगस्त को जिले में रोपे जाने वाले 25 लाख पौधों का वितरण वन विभाग क्यूआर कोड के माध्यम से कर रहा है। इससे कोई भी व्यक्ति एप के जरिये किस विभाग को कितने और कौन से पौध दिए गए, यह जानकारी ले सकता है। पौधों का रोपण किस गांव व स्थल पर कराया गया, इसका भी ब्योरा मिल जाएगा।
क्या है क्यूआर कोड
क्यूआर कोड का मतलब क्विक रेस्पांस कोड होता है। इसे क्यूआर कोड रीडर या सेलफोन में आसानी से पढ़ा जा सकता है। स्मार्ट फोन में क्यूआर कोड रीड करने के लिए क्यूआर कोड रीडर एप इंस्टाल करना होगा। जिला व विभाग का नाम डालने पर पौधों की डिमांड, संख्या, प्रजाति, उठान, रोपण व स्थल की जानकारी मुहैया हो जाएगी। इसके जरिये वन विभाग एक-एक पौध का हिसाब रख पाएगा।
यहां रोपे जाएंगे पौधे
- वन विभाग खुद की जमीन में तीन लाख पौधे रोपेगा
- सरकारी विभागों के माध्यम से 17 लाख पौध लगाने की तैयारी
- किसानों, पीएम आवास व इज्जतघर के लाभार्थियों को भी दिए जा रहे पौध
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सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि रोपे जाने वाले पौधों की जियो टैगिग कराई जाए।
- संजीव कुमार, जिलाधिकारी
गंगा नदी किनारे एक लाख पौध लगाए जा रहे हैं। यमुना व अन्य नदियों के किनारे मनरेगा से पौधारोपण कराया जाएगा। क्यूआर कोड के माध्यम से विभागों को पौध दिए जा रहे हैं।
- सीपीएस मलिक, डीएफओ
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पौधारोपण एक नजर में
पौधारोपण की तिथि - नौ अगस्त
प्रदेश भर में लक्ष्य - 22 करोड़
जिले का कुल लक्ष्य - 25 लाख
वन विभाग के पास पौध - 31 लाख
ऑनलाइन डिमांड - 17 लाख
अब तक उठाए गए पौध - 5 लाख
क्यूआर कोड आवंटित - 23 विभाग