बेटिकट यात्रा व चेन पुलिग की बढ़ी घटनाएं
जागरण संवाददाता फतेहपुर आरपीएफ की शिथिलता से एक्सप्रेस ट्रेनों में चेनपुलिग की घटनाएं
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : आरपीएफ की शिथिलता से एक्सप्रेस ट्रेनों में चेनपुलिग की घटनाएं बढ़ गई हैं। हालत ये है कि कनवार से प्रेमपुर तक के सेक्शन में प्रत्येक माह करीब 20 से 25 बेटिकट यात्री जहां का तहां आउटर पर गाड़ियों को रोककर उतर जाते हैं जिससे गाड़ियां दो से तीन मिनट तक खड़ी हो जाती हैं। इससे बोगियों में सवार यात्रियों को बेवजह की परेशानी उठानी पड़ रही है। यदि पुलिस मौके पर है तो चेनपुलिग करने वाले पकड़ जाते हैं अन्यथा पुलिस अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की इतिश्री कर लेती है।
जिले में आरपीएफ सेक्शन में पड़ने वाले रेलवे स्टेशन कनवार से प्रेमपुर तक हैं जिनमें कटोघन, खागा, सतनरैनी, रसूलाबाद, फैजुल्लापुर, रमवां, फतेहपुर, कुरस्तीकला, मलवां, कंसपुर गुगौली, बिदकी रोड स्टेशन, औंग, करबिगवा, प्रेमपुर समेत सोलह स्टेशन हैं इसी के साथ फैलुल्लापुर में ब्लाकहट एलएल व कुरस्तीकला में ब्लाक हट टीटी स्टेशन हैं। आरपीएफ के पास इंस्पेक्टर, दारोगा व सिपाही मिलाकर 42 जवान हैं जो इन स्टेशनों में ड्यूटीरत रहते हैँ। कोरोना संक्रमण काल में प्रयागराज, चौरीचौरा, जोधपुर हावड़ा, महानंदा, जयपुर-मथुरा, नंदनकानन, पुरुषोत्तम, देहरादून, ऊधमपुर, मुंबई स्पेशल आदि ट्रेनों का संचालन हो रहा है। इनमें कुछ ट्रेनों में आए दिन आउटर पर चेनपुलिग की घटनाएं हो रही हैं। उपनिरीक्षक मनीष राय कहते हैं कि शादी सहालग व ठंड में कोहरे के समय चेनपुलिग की घटनाएं बढ़ जाती हैं तो ऐसे लोगों पर रेलवे एक्ट 141 के तहत कार्रवाई भी जा रही है।
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सुरक्षा आयुक्त ने दी थी हिदायत
प्रयागराज परिक्षेत्र के आरपीएफ सहायक सुरक्षा आयुक्त पीसी पंजाबी गत दिनों आरपीएफ थाने के निरीक्षण में आए थे तो अधीनस्थों को हिदायत दी थी कि चेनपुलिग की घटनाओं पर अंकुश लगाया जाए, उसके बावजूद चेनपुलिग की घटनाओं पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग पा रहा है। उपनिरीक्षक मनीष राय का कहना था कि सहायक सुरक्षा आयुक्त के आदेशों पर अमल किया जा रहा है।
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एक साल की सजा का है प्राविधान
कंपनी कमाण्डर आरपीएफ प्रवीण सिंह ने स्वीकार किया कि पहले की अपेक्षा सक्रियता से अब चेनपुलिग की घटनाएं कम हो रही है। प्रतिमाह ट्रेनों में 20 से कम ही चेनपुलिग की घटनाएं हो रहीं हैं जिसमें बेटिकट यात्रियों को पकड़कर प्रयागराज मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाता है। जहां 500 से 1000 रुपये तक का जुर्माना होता है और जुर्माना न अदा करने की स्थिति में एक साल की सजा का प्राविधान है।