नदी पार बूथ, कानपुर होकर जाते गलाथा गांव

संवाद सूत्र औंग (फतेहपुर) पिछले कई चुनावों की तरह इस बार भी बेरीनारी और रामघाट मजरे के

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Mar 2019 11:33 PM (IST) Updated:Sat, 16 Mar 2019 11:33 PM (IST)
नदी पार बूथ, कानपुर होकर जाते गलाथा गांव
नदी पार बूथ, कानपुर होकर जाते गलाथा गांव

संवाद सूत्र, औंग (फतेहपुर) : पिछले कई चुनावों की तरह इस बार भी बेरीनारी और रामघाट मजरे के सैकड़ों लोग वोट नहीं डाल पाएंगे। परेशानी यह है कि गलाथा गांव के ये दोनों ही मजरे पांडु नदी के पार हैं। इससे दोनों मजरों के मतदाताओं को मतदान स्थल तक पहुंचने के लिए कानपुर नगर से होकर 17 किमी सफर तय करना पड़ता है। जबकि बुजुर्ग व महिलाएं तो वोट डालने ही नहीं जाते। इतना जरूर है कि प्रत्याशियों के स्थानीय कार्यकर्ता बूथ तक पहुंचाने के साधन उपलब्ध करा देते हैं, जिससे वोट प्रभावित होने की आशंका भी बढ़ जाती है।

देवमई विकास खंड क्षेत्र के गांव गलाथा के बेरीनारी व रामघाट मजरे में कुल 950 लोगों की आबादी है, जबकि 450 मतदाता हैं। गलाथा गांव के बूथ तक पहुंचने में पांडु नदी की जलधारा बड़ी रुकावट है। जिस कारण मतदान में लोग खास रुचि नहीं दिखाते। स्वयं के साधन वाले पुरुष मतदाता भले ही कानपुर नगर के सिकठिया से जीटी रोड होते हुए गलाथा बूथ पर वोट डालने चले जाएं, बाकी जा नहीं पाते।

नाव की व्यवस्था की उठी मांग

इस परेशानी पर गांव के अधिकतर बुजुर्ग व महिलाओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव हों या लोकसभा चुनाव, उन्होंने अब तक वोट ही नहीं डाला। नदी पार करने के लिए अगर नाव की व्यवस्था हो जाए तो मतदान आसानी से किया जा सकता है। ग्रामीणों ने नदी पर पुल बनवाने की मांग की है। वहीं पुल का निर्माण होने तक नाव की मांग की है।

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