ड्रग माफिया की सेंध से सीएचसी में कमीशन का खेल

संवाद सहयोगी बिदकी ड्रग माफिया के शिकंजे में फंसी सीएचसी में कमीशन का खेल चल रहा है। सीएचसी से मरीजों को बाहर की भारी कमीशन वाली दवाएं चिकित्सक लिख रहे हैं। अब हद तो तब हो चुकी है जब इंजक्शन के प्रिंट रेट पर अलग से स्लिप लगाकर मरीज की जेब में सीधे डाका ही डाला जाने लगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Jan 2020 11:26 PM (IST) Updated:Thu, 30 Jan 2020 06:07 AM (IST)
ड्रग माफिया की सेंध से सीएचसी में कमीशन का खेल
ड्रग माफिया की सेंध से सीएचसी में कमीशन का खेल

संवाद सहयोगी, बिदकी : ड्रग माफिया के शिकंजे में फंसी सीएचसी में कमीशन का खेल चल रहा है। सीएचसी से मरीजों को बाहर की भारी कमीशन वाली दवाएं चिकित्सक लिख रहे हैं। अब हद तो तब हो चुकी है जब इंजेक्शन के प्रिट रेट पर अलग से स्लिप लगाकर मरीज की जेब में सीधे डाका ही डाला जाने लगा। दवाओं में कमीशन के खेल को लेकर पहले भी कई बार आवाजें उठाई जा चुकी हैं।

सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में औसत प्रतिदिन तीन सौ के आसपास ओपीडी होती है। अपुष्ट आंकड़े के मुताबिक आने वाले मरीजों में दो से अधिक मरीज बाहर से दवाएं खरीदते हैं। मरीजों को जो दवाएं लिखी जाती हैं, उसमें अधिकांश दवाएं जेनरिक होती है। जेनरिक दवाओं का प्रिट रेट खरीद मूल्य से कई गुना कम होता है। इन दवाओं में भारी कमीशन का खेल चलता है। चिकित्सक एथिकल दवाएं जो अधिक लाभकारी माने जाने के साथ मरीज के लिए सस्ती भी उनको लिखने से परहेज करते हैं। भारी कमीशन की दवाओं के खेल का विरोध होता है तो चिकित्सक जेनरिक दवाओं लिखना न बंद कर एथिकल दवाएं भी लिखना बंद कर देते हैं। केस एक - बसंतीखेड़ा गांव के महावीर के हाथ की उंगली आरी से कट गई। सीएचसी आए तो यहां उसे एक इंजेक्शन लाने को कहा गया। इस इंजेक्शन के प्रिट रेट के ऊपर से 290 रुपये मूल्य की अलग से एक स्लिप लगी मिली। इंजेक्शन उसे बाहर से लिखा गया। इंजेक्शन लगाए जाने के बाद सीसी पर ऊपर से अलग मूल्य की स्लिप चिपकी मिली।

केस दो - ललौली रोड निवासी अशोक कुमार बताते हैं सीएचसी में बहुत दवाएं नहीं हैं, जो मरीजों को लिखी जानी जरूरी हैं। एथिकल दवा लिखे तो सौ की दवा दस की मिल जाए। -सीएचसी में दवाएं मौजूद हैं। बाहर की दवाएं लिखने पर पहले से रोक है। किसी को बहुत जरूरी है या फिर कोई बाहर की दवा लेना चाह रहा है तो उसे लिख दिया गया होगा। इंजेक्शन के ऊपर प्रिट रेट पर अलग से एमआरपी की स्लिप कोई लगा नहीं सकता है। ऐसी कोई शिकायत नहीं आई है। फिर भी अब मामला संज्ञान में लाया गया है, इसकी जांच कराएंगे। ऐसा प्रकरण मिला तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी। डॉ. सुनील चौरसिया चिकित्साधीक्षक सीएचसी बिदकी

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