एडीएम के यहां सत्यापन फंसा, क्रय केंद्र में गेहूं डंप

संवाद सहयोगी बिदकी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समाप्त होने के बाद किसानों ने क्रय केंद्र का रुख

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 08:16 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 08:16 PM (IST)
एडीएम के यहां सत्यापन फंसा, क्रय केंद्र में गेहूं डंप
एडीएम के यहां सत्यापन फंसा, क्रय केंद्र में गेहूं डंप

संवाद सहयोगी, बिदकी : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समाप्त होने के बाद किसानों ने क्रय केंद्र का रुख किया है। क्रय केंद्रों में किसान गेहूं डंप कर टोकन का इंतजार कर रहा है। एडीएम के यहां सत्यापन फंसा होने के कारण बड़े किसानों को टोकन ही जारी नहीं हो पा रहा है। उधर, लेखपालों की सत्यापन रिपोर्ट ने भी किसानों को परेशान कर रखा है। नवीन गल्ला मंडी में विपणन विभाग के गेहूं खरीद केंद्र में खरीद का सबसे अधिक दबाव है। किसानों ने केंद्र में दूर तक मैदान में गेहूं के ढेर लगा लिए हैं। अब सत्यापन रिपोर्ट के लिए तहसील के चक्कर काट रहे हैं। कोविड के कारण लेखपाल भी तहसील कम आ रहे हैं। इससे किसानों को लेखपालों को खोजने में दिक्कत हो रही है। लेखपाल सत्यापन के दौरान कम रिपोर्ट लगा रहे हैं। इससे भी किसान परेशान हो रहे हैं। केस-1

तहसील के बुधौली गांव निवासी देव नारायण पटेल ने क्रय केंद्र में गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया। इनका आवेदन एडीएम पोर्टल में सत्यापन के लिए चला गया। करीब एक माह बीत जाने के बाद भी एडीएम के यहां से सत्यापन नहीं हो पाया है। इस कारण गेहूं की तौल नहीं करा पा रहे हैं। केस--2

तहसील के जाफराबाद गांव निवासी शैलेंद्र कुमार व चंद्र प्रकाश ने बताया कि उनका सत्यापन के दौरान उपज कम करके लेखपाल ने रिपोर्ट लगा दी है। इस कारण उनको गेहूं बेचने में दिक्कत आ रही है। अब लेखपाल कोरोना के कारण खोजे नहीं मिल पा रहे हैं। यह केवल इन दो किसानों की समस्या नहीं है। तमाम ऐसे किसान परेशान हाल में घूम रहे हैं। सत्यापन रिपोर्ट कम लगाए जाने की कोई शिकायत अब तक नहीं आई है। हो सकता है एक खतौनी में कई हिस्सेदार हों। इस कारण किसी एक हिस्सेदार के हिस्से में जितनी जमीन होगी, उतने उपज की रिपोर्ट लगाई जाएगी। अगर कोई तौल पूरे में कराना चाहता है तो अन्य हिस्सेदारों से लिखकर दिलाए कि अब वह तौल नहीं कराएंगे।

- प्रियका एसडीएम बिदकी

साफ गेहूं की हो रही खरीद

क्रय केंद्रों में साफ सुथरा गेहूं की खरीद की जा रही है। इतना जरूर है कि केंद्रों पर डस्टर लगाकर गेहूं को साफ किया जाता है और जो पतला गेहूं निकलता है, वह किसान ले जाता है, इसमें किसानों को भी किसी प्रकार की कोई आपत्ति नहीं है। सभी सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीद हो रही है। किसी केंद्र पर कोई कटौती नहीं हो रही है। किसान खरीद केंद्रों की व्यवस्थाओं से संतुष्ट हैं।

- रमेश कुमार, डिप्टी आरएमओ

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