बैंडबाजा न बराती, बन गए जीवन साथी

फोटो नंबर - लॉकडाउन में एसडीएम का आदेश लेकर आया था वरपक्ष - ग्रामीणों का विरोध होने पर बहुआ चौकी इंचार्ज रहे मुस्तैद संवाद सूत्र बहुआ (फतेहपुर) बैंडबाजा न बराती और घर में न कोई चहल-पहल। बेहद सादगीपूर्ण ढंग से हुई शादी में राजू व आशा जीवन भर के लिए दांपत्य सूत्र में बंध गए। पहले तो कानपुर के दादानगर से शादी रचाने आए दूल्हे को ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा। लॉकडाउन की वजह से ग्रामीणों ने पहले तो दूल्हे को गांव में ही नहीं घुसने दिया। हलांकि चौकी पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शांतिपूर्ण माहौल में शादी की रस्मे पूरी हुईं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 01 May 2020 10:41 PM (IST) Updated:Sat, 02 May 2020 06:08 AM (IST)
बैंडबाजा न बराती, बन गए जीवन साथी
बैंडबाजा न बराती, बन गए जीवन साथी

संवाद सूत्र, बहुआ (फतेहपुर): बैंडबाजा न बराती और घर में न कोई चहल-पहल। बेहद सादगीपूर्ण ढंग से हुई शादी में राजू व आशा जीवन भर के लिए दांपत्य सूत्र में बंध गए। पहले तो दूल्हे को ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा। हालांकि चौकी पुलिस के हस्तक्षेप के बाद शांतिपूर्ण माहौल में शादी की रस्में पूरी हुईं।

कानपुर जिले के दादानगर निवासी राजू पासवान अपने बड़े भाई मनोज व कार चालक के साथ शादी की निर्धारित तिथि पर ललौली थाने के परेठी गांव शुक्रवार दोपहर 12 बजे आ गए, लेकिन ग्रामीणों ने गांव में नहीं घुसने दिया। बहुआ चौकी इंचार्ज उमाकांत यादव तक मामला पहुंचा तो वह स्वयं आए और अपनी मौजूदगी में शादी संपन्न करवाई। वर पक्ष से सिर्फ तीन लोग ही आए थे। वर व कन्या पक्ष के महज छह लोगों की उपस्थिति में धनपत पासवान की बेटी आशा देवी के साथ राजू पासवान की शादी हुई। करीब तीन घंटे बाद वर पक्ष कार से वधू को विदा करा ले गया।

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