ग्रामीणों की मुश्किलें नहीं हुई कम

संवाद सहयोगी अमृतपुर गंगा का जलस्तर घटने के बावजूद तटवर्ती गांवों की मुश्किलें कम नहीं ह

By JagranEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 11:27 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 11:27 PM (IST)
ग्रामीणों की मुश्किलें नहीं हुई कम
ग्रामीणों की मुश्किलें नहीं हुई कम

संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गंगा का जलस्तर घटने के बावजूद तटवर्ती गांवों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। समुद्र तल से 137.10 मीटर पर स्थित खतरे के निशान से गंगा का जलस्तर 15 सेंटीमीटर नीचे पहुंच गया है। चित्रकूट के निकट बदायूं मार्ग पर दो फीट पानी तेज धार के साथ बहने से दोपहिया वाहनों का आवागमन बाधित है। बाढ़ से घिरे गांव के लोग नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं।

गंगा का जलस्तर पांच सेंटीमीटर कम होने से समुद्रतल से 136.95 मीटर पर पहुंच गया है। नरौरा बांध से गंगा में 87,330 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर 10 सेंटीमीटर कम होने से 134.65 मीटर पर पहुंच गया है। खोह हरेली रामनगर से रामगंगा में 5082 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंगा की बाढ़ के पानी से हरसिंहपुर कायस्थ, ऊगरपुर, तीसराम की मड़ैया, बंगला, सैदापुर, पट्टी भरखा, सुंदरपुर, कछुआ गाढ़ा, भुड्डन की मड़ैया, आशा की मड़ैया, कंचनपुर, सबलपुर, रामपुर, जोगराजपुर, जगतपुर, बमियारी, कुसुमापुर, लायकपुर, नगरिया जवाहर, माखन नगला, फुलहा, बनासीपुर, कुडरी सारंगपुर, करनपुर घाट व मंझा की मड़ैया गांव घिर गए हैं। ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर हैं। चित्रकूट के निकट बदायूं मार्ग पर दो फिट बाढ़ का पानी बह रहा है। जिससे दोपहिया वाहनों का आवागमन बाधित हो गया है। बाढ़ का पानी खेतों में कई दिनों से भरा है, जिससे फसलें खराब होने की आशंका है। ग्रामीण को मवेशियों के चारे की समस्या हो गई है। सड़क किनारे पालीथिन के नीचे गुजर कर रहे पीड़ितों की बरसात ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

पीड़ितों को मिल रही सिर्फ आश्वासन की घुट्टी

संवाद सूत्र, कमालगंज : गंगा में आई बाढ़ से कल्लू नगला के साथ कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं। यही नहीं इन गांवों में बाढ़ का पानी भरा होने से लोग मुसीबत उठाने को मजबूर हैं। प्रशासनिक अमला से लेकर राजनीतिक दलों के लोग सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं।

गंगा में आई बाढ़ से क्षेत्र का गांव कल्लू नगला के लोग पूरी तरह से तबाह हो गए हैं। यहां के रहने वाले दस लोगों के मकान पहले ही गंगा में समा गए, जो बचे हैं वह भी तोड़ रहे हैं। इन लोगों को तहसीलदार के आदेश के बावजूद आज तक जमीन उपलब्ध नहीं हो सकी है। यहां ग्रामीणों ने बताया कि यहां लोगों के मकानों के साथ-साथ फसल भी गंगा में समा गई हैं। जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी भी सिर्फ आश्वासन की घुट्टी पिलाकर चले जाते हैं। जंजाली नगला व धारा नगला के साथ ही चाचूपुर के कई मकान भी पानी से घिरे हैं। गलियों व सड़क पर पानी भरा होने से पानी में होकर ही आना जाना पड़ रहा है। यहां मकानों के साथ साथ शौचालयों में पानी भरा होने से लोग परेशान है। गंगा गली अस्तल के आगे सड़क के दोनों ओर अमरूद के बागों व खेतों में पानी भरा हुआ है। ग्रामीण राधेश्याम व श्याम सुंदर आदि ने बताया कि फसलें नष्ट हो गई हैं, इसलिए आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए।

घरों में भी भर गया बाढ़ का पानी

शमसाबाद : गांव समैचीपुर चितार, साधौ सराय व कमथरी में घरों में पानी भर गया। लोग सड़क के किनारे पन्नी डालकर रह रहे हैं। अगर बरसात हुई तो खाने की भी समस्या हो जाएगी। लकड़ी भीग जाने से खाना बनाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। मंझा, शरीफपुर व कटरी तौफीक जाने वाले मार्गों पर भी पानी भरा है। जिससे आवागमन में दिक्कत हो रही है।

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