खतरे के निशान से 40 सेमी ऊपर रामगंगा

संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गर्मियों में नाला की तरह बहने वाली गंगा और रामगंगा जलस्तर बढ़ने से

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Sep 2018 10:45 PM (IST) Updated:Mon, 03 Sep 2018 10:45 PM (IST)
खतरे के निशान से 40 सेमी ऊपर रामगंगा
खतरे के निशान से 40 सेमी ऊपर रामगंगा

संवाद सहयोगी, अमृतपुर : गर्मियों में नाला की तरह बहने वाली गंगा और रामगंगा जलस्तर बढ़ने से विकराल हो गई हैं। जलस्तर में कमी आने के बावजूद रामगंगा खतरे के निशान से 40 सेंटीमीटर ऊपर बह रही हैं। गंगा व रामगंगा के उफान से तटवर्ती गांव के बा¨शदे दहशत में हैं। बदायूं मार्ग पर ढाई फिट से अधिक पानी बहने से छोटे वाहनों का आवागमन प्रभावित हो गया है। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब 137.00 मीटर पर स्थिर है। नरौरा बांध से 202234 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। रामगंगा का जलस्तर 5 सेंटीमीटर कम होने से 137.50 मीटर पर पहुंच गया है। खोह हरेली रामनगर से रामगंगा में 21168 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। गंगा खतरे के निशान से 10 सेंटीमीटर दूर हैं।

गंगा रामगंगा की बाढ़ का पानी संपर्क मार्गों पर बहने से कई गांवों का आवागमन बाधित हो गया है। ग्रामीण बाढ़ के पानी से निकलने को मजबूर हैं। बदायूं मार्ग पर ढाई फिट से अधिक बाढ़ का पानी बहने से छोटे वाहनों का आवागमन प्रभावित हो गया है। कई दुपहिया वाहन पानी चले जाने से बंद हो गए। जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है। सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न

गंगा की बाढ़ का पानी से सबलपुर, कुडरी सारंगपुर, करनपुर घाट, आशा की मड़ैया, उदयपुर, कंचनपुर आदि गांवों में गन्ना, धान, उर्द व मूंग की फसलें जलमग्न हो गई हैं। कई दिनों से खेतों में बाढ़ का पानी भरा रहने से फसलें खराब हो गई हैं। जलमग्न गांव बने टापू

गांव मंझा की मड़ैया, सुंदरपुर, आशा की मड़ैया, उदयपुर, जोगराजपुर, करनपुर घाट, हर¨सहपुर कायस्थ, ऊगरपुर, भुड़रा, राजराम की मड़ैया, बंगला, करनपुर घाट, कलिका नगला व रामप्रसाद नगला गंगा की बाढ़ के पानी से घिरे हैं। जिससे गांव के लोगों का संपर्क टूट गया गया। ग्रामीण नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। कई दिनों से घरों व झोपड़ियों में बाढ़ का पानी भर जाने से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। ग्रामीण सड़क के किनारे पालीथीन के नीचे रहने को मजबूर हैं। सबलपुर में कई पीड़ितों ने बैलगाड़ी में ही अपना आशियाना बना लिया है। पीड़ितों ने बैलगाड़ी में ही घरेलू सामान रख लिया है और चारपाई डाल रखी है। बढ़ाई पीड़ितों की मुश्किलें

सोमवार को हुई बरसात ने बाढ़ पीड़ितों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। भुड्डन की मड़ैया, पट्टी भरखा, कंचनपुर, सैदापुर, भुड़रा, अहलादपुर भटौली गांव के पीड़ित सड़क के किनारे पालीथीन तानकर गुजर कर रहे हैं। बरसात से घरेलू सामान भीग गया है। ईंधन भीग जाने से भोजन पकाने की समस्या ग्रामीणों के सामने हो गई है। नही बंट सकी राहत सामग्री

बाढ़ प्रभावित गांवों में राहत सामग्री वितरण को ले जाने के लिए तहसील में ट्रैक्टर मंगाए गए थे, लेकिन मूसलाधार हुई बरसात से ट्रैक्टरों पर राहत सामग्री लोड नहीं हो सकी। कुछ ट्रैक्टर राहत सामग्री लेकर भी गांव चले गए, लेकिन राहत सामग्री वितरित न हो सकी। राहत सामग्री लेने के लिए करनपुर घाट, कुडरी सारंगपुर, रामपुर जोगराजपुर, बदनपुर, पट्टी भरखा व सैदापुर गांव के ट्रैक्टर तहसील में खड़े रहे। नायब तहसीलदार भानुप्रताप ने बताया कि रामपुर जोगराजपुर के ट्रैक्टर पर राहत सामग्री रखवा दी गई है। बरसात होने से राहत सामग्री बाढ़ प्रभावित गांव में पीड़ितों को वितरित नहीं हो सकी। मंगलवार को राशन सामग्री वितरित की जाएगी।

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