थाने से पिस्टल और मैगजीन चोरी, सीओ को सौंपी जांच

संवाद सूत्र अमृतपुर पुलिस का असलहा चोरी हो गया। महीनों तक इस मामले को दबाए रखा गया। मालखा

By JagranEdited By: Publish:Wed, 11 Nov 2020 10:16 PM (IST) Updated:Wed, 11 Nov 2020 10:16 PM (IST)
थाने से पिस्टल और मैगजीन चोरी, सीओ को सौंपी जांच
थाने से पिस्टल और मैगजीन चोरी, सीओ को सौंपी जांच

संवाद सूत्र, अमृतपुर : पुलिस का असलहा चोरी हो गया। महीनों तक इस मामले को दबाए रखा गया। मालखाना प्रभारी दीवान तीन महीने पहले सेवानिवृत भी हो गए। उसके बावजूद घटना की जानकारी नहीं दी। मामला तब खुला जब नये मुंशी को मालखाने का चार्ज दिया गया। इस दौरान पिस्टल और कारतूसों की गिनती हुई तब घटना की जानकारी हुई। इस मामले में थाना प्रभारी ने एसपी को सूचना दी। एसपी ने पूरे प्रकरण की जांच क्षेत्राधिकारी को सौंपी है।

अमृतपुर थाने दीवान शिशुपाल सिंह विगत 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गए। उनका कहना है कि सेवानिवृत से पहले उन्होंने असलहे व अन्य सामान की गिनती कर मालखाना मुंशी (सिपाही) महेंद्र सिंह के सुपुर्द कर दिया था। कुछ दिन बाद ही महेंद्र सिंह की पदोन्नति हो गई और वह मऊदरवाजा थाने में तैनात कर दिए गए। उसके बाद से मालखाना का कोई जिम्मेदार नहीं रहा। करीब 25 दिन पहले अमृतपुर थाने में नए दीवान प्रेमशंकर यादव की तैनाती हुई। उन्हें चार्ज देने के लिए सेवानिवृत्त हो चुके पूर्व दीवान शिशुपाल सिंह को थाने बुलाया गया। विगत चार नवंबर से चार्ज हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है। इस दौरान असलहों की जब गिनती हुई तो एक पिस्टल और 10 कारतूस से भरी मैगजीन कम निकली। इस बात पर महकमे में हलचल मच गई। आनन-फानन मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार मिश्रा को दी गई। थानाध्यक्ष जसवंत सिंह ने बताया कि मैगजीन और पिस्टल कहीं गुम हुए हैं। उसकी तलाश की जा रही है। थाने में नौ पिस्टल हैं और छह दारागाओं की तैनाती है। एक पिस्टल गायब हो जाने के बाद अब आठ ही पिस्टल रह गईं हैं। पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार मिश्रा ने बताया मामले की जांच क्षेत्राधिकारी अमृतपुर राजवीर सिंह को दी गई है। जांच में दोषी पाए जाने पर मालखाना प्रभारी शिशुपाल सिंह और संबंधित पुलिस कर्मी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। बिना लिखापढ़ी के ही दे दी जाती थी पिस्टल

अमृतपुर थाने में नियम कानून से कोई सरोकार नहीं है। यहां के मुंशी दारोगाओं को बिना लिखा-पढ़ी के ही पिस्टल और कारतूस दे देते हैं। यही कारण है कि गायब हुई पिस्टल को आखिरी बार किस दारोगा को दी गई थी, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। उस पिस्टल के बारे में सब एक-दूसरे पर आरोप मढ़ने में लगे हैं। वहीं थानाध्यक्ष जसवंत सिंह का कहना है कि किसी दारोगा से भी पिस्टल और कारतूस गुम हो सकती है। जांच के बाद ही पूरा घटनाक्रम खुलकर आएगा।

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