क्वारंटाइन सेंटर से सामान समेटकर घर जा रहे प्रवासी श्रमिक

शहर के क्वारंटाइन सेंटरों से प्रवासी श्रमिकों को टरकाया जाने लगा है। रोडवेज बस कब आएगी इसकी सही जानकारी नहीं दी जा रही। राशन देकर उन्हें घर जाने के लिए समझा दिया जाता है। इसी के बाद लोग धनी आबादी के मोहल्लों से होकर जाते हैं। जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। गुरुवार को एनएकेपी डिग्री कालेज क्वारंटाइन सेंटर में राजस्व कर्मियों की इजाजत मिलते ही श्रमिक ई-रिक्शा टेंपो व अन्य वाहन किराए पर करके चले गए। जिनके पास पैसे नहीं थे वह बस आने के इंतजार में बैठे रहे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 May 2020 10:50 PM (IST) Updated:Thu, 21 May 2020 10:50 PM (IST)
क्वारंटाइन सेंटर से सामान समेटकर घर जा रहे प्रवासी श्रमिक
क्वारंटाइन सेंटर से सामान समेटकर घर जा रहे प्रवासी श्रमिक

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : शहर के क्वारंटाइन सेंटरों से प्रवासी श्रमिकों को टरकाया जाने लगा है। रोडवेज बस कब आएगी इसकी सही जानकारी नहीं दी जा रही। राशन देकर उन्हें घर जाने के लिए समझा दिया जाता है। इसी के बाद लोग धनी आबादी के मोहल्लों से होकर जाते हैं। जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। गुरुवार को एनएकेपी डिग्री कालेज क्वारंटाइन सेंटर में राजस्व कर्मियों की इजाजत मिलते ही श्रमिक ई-रिक्शा, टेंपो व अन्य वाहन किराए पर करके चले गए। जिनके पास पैसे नहीं थे वह बस आने के इंतजार में बैठे रहे।

एनएकेपी डिग्री कालेज में बुधवार रात 76 प्रवासी श्रमिकों को लाया गया था। इनमें कुछ शहर के भी थे। अधिकांश श्रमिकों को दोपहर में ही भोजन व राशन के पैकेट देने के बाद लेखपाल रोशनलाल व अन्य कर्मचारियों ने बताया कि रोडवेज बस कब आएगी इसका कोई भरोसा नहीं है। वह जाना चाहे तो जा सकते हैं। इसके बाद कायमगंज, नवाबगंज व कंपिल क्षेत्र के दर्जनों परिवार किराए के वाहन लेकर चले गए। यह लोग वाहन लेने के लिए काफी देर तक मुख्य मार्ग पर घूमते रहे, जिससे मोहल्ले के लोगों में नाराजगी है। पास में ही फल, सब्जी की ठेली लगाए दुकानदार भी खिसक गए। हरिद्वार से आईं प्रीती ने बताया कि वह कायमगंज के गांव छतरई की निवासी हैं। चार स्वजन साथ में हैं। उन्हें जाने के लिए कह दिया है। इसलिए उन्होंने अपना वाहन मंगा लिया है। जिन श्रमिकों के पास पैसे नहीं थे उन्हें दोपहर बाद रोडवेज बस लेने पहुंची।

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