लॉटरी की आस में दिन भर बैठे रहे शराब ठेकेदार
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : आबकारी ठेकों के लिए ई-टेंड¨रग पद्धति से डाली गई निविदाओं
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : आबकारी ठेकों के लिए ई-टेंड¨रग पद्धति से डाली गई निविदाओं पर गुरुवार को लाटरी के माध्यम से दुकानों का व्यवस्थापन किया जाना था। लेकिन दिन भर विभागीय वेबसाइट न चलने और ¨लक न खुलने के कारण शराब के ठेके की उम्मीद में आए ठेकेदार दिन भर इंतजार करते रहे। लॉटरी के लिए लखनऊ से आए नगर विकास सचिव जीएस प्रियदर्शी भी निरीक्षण भवन से एनआइसी तक समय काटते रहे।
जनपद में स्थित शराब की 293 दुकानों के लिए 28 फरवरी तक ऑनलाइन टेंडर मांगे गए थे। देशी शराब की 192, विदेशी मदिरा की 57 और बीयर की 43 दुकानों के लिए क्रमश: 166, 50 व 40 दुकानों के लिए कुल 1511 आवेदन आए थे। इनमें से 36 टेंडर विभिन्न कारणों से निरस्त हो गए। कुल 1475 आवेदनों पर ई-लॉटरी पद्धति से गुरुवार को निर्णय होना था। लॉटरी के पर्यवेक्षण के लिए नगर विकास सचिव जीएस प्रियदर्शी सुबह साढ़े दस बजे ही लखनऊ से यहां पहुंच गए। लॉटरी के लिए निर्धारित समय 11 बजे से पूर्व ही कलेक्ट्रेट सभागर 'फुल' हो चुका था। आवेदकों की भीड़ के चलते सभागार के बारह कंप्यूटर स्क्रीन का एक्सटेंशन लगाकर कुर्सियां डाली गईं। लोग घंटो घड़ी और प्रोजेक्टर स्क्रीन पर नजरें गड़ाए रहे। दो बजे ठेकेदारों में कसमसाहट शुरू हुई। लोगों ने अधिकारियों से पूछना शुरू किया। पता चला कि आबकारी विभाग की वेबसाइट पर ई-लॉटरी के लिए दिया गया ¨लक ही नहीं खुल रहा है। पर्यवेक्षक सचिव भी डाक बंगले से ही ¨लक की लोकेशन लेते रहे।
इसी बीच ठेकेदारों के लिए लंच पैकेट का वितरण शुरू हो गया। लंबे इंतजार और भीड़ के चलते लंच पैकेट के लिए छीना-झपटी मच गई। किसी को मिला, किसी को नहीं मिला। धीरे-धीरे लोग खिसकने लगे। देर शाम तक भी लगभग दो सैकड़ा आवेदक लॉटरी के इंतजार में कलेक्ट्रेट में जमे रहे।