न करें ढिलाई, अभी वैक्सीन है न दवाई
चौक रिकाबगंज नियावां और नाका जैसी बाजार हो या फिर जिला श्रीराम अथवा महिला चिकित्सालय। सब जगह एक जैसा नजारा है। शारीरिक दूरी का पालन कहीं नहीं दिख रहा। मास्क भी नहीं। कोरोना से बचाव के प्रति संजीदगी नहीं तब जब अभी न तो वैक्सीन है और न ही दवाई.
अयोध्या: चौक, रिकाबगंज, नियावां और नाका जैसी बाजार हो या फिर जिला, श्रीराम अथवा महिला चिकित्सालय। सब जगह एक जैसा नजारा है। शारीरिक दूरी का पालन कहीं नहीं दिख रहा। मास्क भी नहीं। कोरोना से बचाव के प्रति संजीदगी नहीं, तब जब अभी न तो वैक्सीन है और न ही दवाई। यह हाल तब है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ही राष्ट्र के नाम संदेश में शारीरिक दूरी के पालन और मास्क पहनने को जरूरी बताया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विशेषज्ञ कोरोना संक्रमण की घटती दर के बीच लोगों को अब और भी सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
शहर की हृदय स्थली कहे जाने वाले चौक को ही ले लीजिए। दोपहर के करीब दो बजे का वक्त रहा होगा। आसमान में बादलों और सूर्यदेव के बीच लुकाछिपी चल रही तो धरती पर पैदल चलते अथवा वाहन से आते-जाते लोगों में एक-दूसरे को पिछाड़ने की होड़। दुकानें खरीदारों से खचाखच भरी नजर आईं और एक ही वस्तु को हाथों को सैनिटाजेशन किए बिना बार-बार स्पर्श करते हुए लोग दिखे। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण की दर भले ही पहले ही तुलना में कम हुई है, लेकिन यह वक्त सबसे ज्यादा नाजुक है।
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जरूरी है सावधानी
चिकित्सकों के मुताबिक मौजूदा समय में लोगों को सावधानी बरतने की बेहद आवश्यकता है। जिला चिकित्सालय के परामर्शदाता डॉ. आशीष पाठक कहते हैं कि कोरोना से बचना है तो प्रोटोकॉल का पालन अवश्य करना होगा। तभी इस महामारी पर जीत मिलेगी। डॉ. पाठक कहते हैं कि खानपान को बेहतर करने के साथ-साथ शारीरिक दूरी का पालन अवश्य करना चाहिए। मास्क भी जरूर पहनना चाहिए। मास्क पहनने से सिर्फ कोरोना ही नहीं, बल्कि प्रदूषण जनित बीमारियों से भी बचाव होता है। इसलिए मास्क पहनने को लोगों को आदत में शुमार करना होगा।