सीएचसी पर आपरेशन से प्रसव का लक्ष्य दूर की कौड़ी

हर माह होने चाहिए कम से कम पांच सीजर निजी अस्पतालों में हर माह सैकड़ों आपरेशन सीएचसी में पांच होना मुश्किल

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 May 2022 11:50 PM (IST) Updated:Tue, 17 May 2022 11:50 PM (IST)
सीएचसी पर आपरेशन से प्रसव का लक्ष्य दूर की कौड़ी
सीएचसी पर आपरेशन से प्रसव का लक्ष्य दूर की कौड़ी

प्रहलाद तिवारी, अयोध्या : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सिजेरियन प्रसव की व्यवस्था भले ही सरकार ने कर दी हो, लेकिन यहां पर सिजेरियन प्रसव का लक्ष्य तक नहीं पूर्ण हो रहा है। ऐसा नहीं है कि सरकारी अस्पतालों में कोई व्यवस्था नहीं है, बल्कि सरकारी अस्पतालों से ही गर्भवती महिलाओं को प्राइवेट अस्पतालों का रास्ता दिखाया जाता है। प्राइवेट अस्पतालों में सरकारी चिकित्सक प्रसव कराने के साथ ही आपरेशन भी करते हैं। आर्थिक रूप से कमजोर गर्भवती के सिजेरियन प्रसव की व्यवस्था सरकार ने सीएचसी स्तर पर की है। इसके लिए सरकार ने भारी भरकम बजट भी खर्च किया। आपरेशन थियेटर बनाने के साथ आपरेशन प्रसव वार्ड बनाया गया। संविदा पर महिला चिकित्सक डा. प्रियंका यादव की तैनाती के साथ एनेस्थीसिया चिकित्सक डा. प्रभात गुप्त की भी तैनाती की गई। हालांकि वह जिला महिला चिकित्सालय से संबद्ध हैं। आन काल वह रुदौली सीएचसी पर उपलब्ध रहते हैं। यहां तैनात महिला चिकित्सक के लिए न्यूनतम पांच सिजेरियन प्रसव करना अनिवार्य है, लेकिन यह लक्ष्य भी पूरा नहीं हो रहा। इसकी गवाही सीएचसी के आंकड़े दे रहे हैं। पांच माह में सिर्फ जनवरी में ही लक्ष्य पूरा हुआ है। जनवरी में पांच, फरवरी में चार, मार्च में तीन, अप्रैल में महज एक व मई में अभी तक दो सिजेरियन प्रसव ही कराए गए। सीएचसी के आसपास खुले दर्जनों नर्सिंग होम में हर माह सैकड़ों प्रसव आपरेशन से होते हैं, लेकिन सीएचसी में माह भर में पांच भी नहीं हो पा रहे हैं। प्रसव के गंभीर मामलों में अस्पताल में आपरेशन करने के बजाय प्राइवेट अस्पताल का रास्ता दिखा दिया जाता है। निजी अस्पताल उनका आर्थिक दोहन करते हैं। महिला चिकित्सक डा. प्रियंका यादव कहती है कि निजी अस्पतालों में मानकों को ताक पर रख दिया जाता है। हीमोग्लोबिन कम होने पर भी वहां आपरेशन हो जाता है। गर्भवती महिलाओं में जागरूकता के अभाव के साथ अस्पताल में संसाधनों की कमी भी कुछ हद तक जिम्मेदार है। चिकित्सा अधीक्षक डा. पीके गुप्त ने बताया कि अस्पताल में संसाधन उपलब्ध हैं। प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों की जांच कराई जाएगी।

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