पेयजल को लेकर जिम्मेदार गंभीर नहीं

शासन भले ही स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के लिए प्रयासरत है लेकिन पेयजल को लेकर जिम्मेदार कितने संजीदा हैं इसका आकलन मिल्कीपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत सिधौना के नाथगंज चौराहे पर लगे सरकारी इंडिया मार्का-टू हैंडपंप की बदहाल स्थिति को देख कर लगाया जा सकता है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 09 Dec 2020 10:52 PM (IST) Updated:Wed, 09 Dec 2020 10:52 PM (IST)
पेयजल को लेकर जिम्मेदार गंभीर नहीं
पेयजल को लेकर जिम्मेदार गंभीर नहीं

कुमारगंज (अयोध्या) : शासन भले ही स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता के लिए प्रयासरत है लेकिन पेयजल को लेकर जिम्मेदार कितने संजीदा हैं इसका आकलन मिल्कीपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत सिधौना के नाथगंज चौराहे पर लगे सरकारी इंडिया मार्का-टू हैंडपंप की बदहाल स्थिति को देख कर लगाया जा सकता है। स्थानीय लोगों ने सरकारी नल को मिट्टी से पूरी तरह पाट दिया है। नल से पानी निकलना बंद हो गया है। सप्ताह में एक दिन यहां बाजार भी लगती है। इसके अलावा यहां कई स्थाई दुकानें भी खुली हैं। यहां काफी संख्या में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। ग्राम प्रधान सीताराम का कहना है कि नल के ऊपर कुछ लोगों ने मिट्टी डाल कर पाट दिया है। इसलिए अब इसे वहां से हटा कर अन्यत्र लगवाने की व्यवस्था की जाएगी।

तीन माह से बंद पड़े कलेक्ट्रेट के हैंडपंप

अयोध्या : कलेक्ट्रेट में वादकारियों के लिए लगाए गए हैंडपंप करीब तीन माह से बंद हैं। इससे वादकारियों को पीने के पानी के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अधिवक्ताओं ने इसके लिए जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर बिगड़े हैंडपंपों को अविलंब ठीक कराने की मांग की है। इस संबंध में अपर जिलाधिकारी नगर डॉ. वैभव शर्मा ने जलनिगम के अधिशासी अभियंता को पत्र भेज कर हैंडपंप ठीक कराने को कहा है।

वादकारियों के लिए डीएम कार्यालय के सामने, एडीएम सिटी व मुख्य राजस्व अधिकारी कार्यालय के बगल इंडिया मार्क टू हैंडपंप लगे हैं। जल निगम पर इन हैंडपंपों की देखभाल की जिम्मेदारी है। बीते तीन माह में एक-एक कर सभी हैंडपंप बंद हो गए। इन्हें ठीक कराने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय से पत्र भेजे गए। जलनिगम ने इन पंपों की गड़बड़ी की जांच तो की, लेकिन इन्हें ठीक नहीं कराया गया। अधिवक्ता सुनील श्रीवास्तव समेत कई अधिवक्ताओं ने जिलाधिकारी को हैंडपंपों को ठीक कराने के लिए ज्ञापन दिया। जल निगम के अधिशासी अभियंता महेंद्र राम का कहना है कि हैंडपंपों को ठीक कराने के लिए उनके पास बजट नहीं है। बजट मिलते ही इन्हें ठीक करा दिया जाएगा।

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