व्यापार के साथ जगा रहे पर्यावरण संरक्षण की अलख

फैजाबाद : पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकने के लिए बीते कुछ दशक से सरकारी स्तर पर तमा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 27 Aug 2018 11:31 PM (IST) Updated:Mon, 27 Aug 2018 11:31 PM (IST)
व्यापार के साथ जगा रहे पर्यावरण संरक्षण की अलख
व्यापार के साथ जगा रहे पर्यावरण संरक्षण की अलख

फैजाबाद : पर्यावरण को प्रदूषित होने से रोकने के लिए बीते कुछ दशक से सरकारी स्तर पर तमाम प्रकार के अभियान चलाए जा रहे हैं। इसी में स्वयंसेवी संस्थाएं भी कदमताल कर रही हैं। इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे लोग हैं जो दशकों से व्यक्तिगत तौर पर इस मुहिम को खाद-पानी दे रहे हैं। ऐसा ही एक चेहरा है वीरेंद्र अरोड़ा का। वे शहर के बजाजा क्षेत्र में व्यवसाय तो लॉड्री का करते हैं, लेकिन व्यापार को आगे बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण का अभियान भी सधे, संयत अंदाज से संचालित कर रहे हैं। उन्होंने दुकान पर कभी भी पॉलीथिन के थैले का प्रयोग नहीं किया। यही खूबी अब उनकी पहचान बन चुकी है।

प्रतिष्ठान के संचालन में अब अरोड़ा परिवार की तीसरी पीढ़ी आ गई है। उन्हें अपनी इस मुहिम के लिए डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मानित किया जा चुका है।

शहर में ये दुकान वीरेंद्र के पिता ने कई दशक पहले शुरू की थी। व्यवसाय की शुरुआत से अरोड़ा परिवार ने तय किया कि दुकान पर पॉलीथिन के थैलों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। गत कुछ दशकों में जब पॉलीथिन का इस्तेमाल लोगों की आदत का हिस्सा बन चुका था, तब भी अरोड़ा परिवार के सदस्यों ने इससे दूरी बनाए रखी। वीरेंद्र बताते हैं कि बड़ों ने हमेशा ग्राहकों के कपड़े धुलने के बाद इसकी पै¨कग कागज के थैले में ही करने की हिदायत थी। यही परंपरा समय के आगे बढ़ने के साथ ही मजबूत होती चली आ रही है। वे बड़ी साफगोई से बताते हैं कि शुरुआती दौर में इसके पीछे की मंशा पर्यावरण संरक्षण नहीं थी, लेकिन पॉलीथिन की वजह से पर्यावरण को पैदा हुए खतरे ने अंजाने में उन्हें इस मुहिम से जोड़ दिया। अब यह सख्त हिदायत है कि दुकान में किसी भी प्रकार की पॉलीथिन का थैला प्रयोग नहीं किया जाएगा। अब हम ग्राहकों को भी पॉलीथिन का इस्तेमाल नहीं करने की सलाह देते हैं। किसी के सवाल करने पर उन्हें इससे होने वाले नुकसान भी बताते हैं।

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