रामलला की मूर्ति के लिए नेपाल की शिला के अलावा इन विकल्पों पर भी विचार कर रही है राम मंदिर निर्माण समिति

रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि नेपाल के पोखरा जिला स्थित गंडकी नदी से लाई जा रही शिला रामलला की मूर्ति निर्मित किए जाने का एक विकल्प है ही लेकिन अभी यह निर्णय नहीं हो सका है कि रामलला की मूर्ति किस पत्थर से निर्मित होगी।

By Nitesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 30 Jan 2023 09:49 AM (IST) Updated:Mon, 30 Jan 2023 09:49 AM (IST)
रामलला की मूर्ति के लिए नेपाल की शिला के अलावा इन विकल्पों पर भी विचार कर रही है राम मंदिर निर्माण समिति
नेपाल के पोखरा जिला स्थित गंडकी नदी के उद्गम स्थल के करीब से लाई जा रही शालिग्रामी शिला। जागरण

संवाद सूत्र, अयोध्या : रामजन्मभूमि पर बन रहे भव्य मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने वाले रामलला के स्वरूप एवं आकार-प्रकार को लेकर गहन मंथन चल रहा है। राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि नेपाल के पोखरा जिला स्थित गंडकी नदी के उद्गम स्थल के करीब से लाई जा रही शालिग्रामी शिला रामलला की मूर्ति निर्मित किए जाने का एक विकल्प है ही, किंतु अभी अंतिम रूप से यह निर्णय नहीं हो सका है कि रामलला की मूर्ति किस पत्थर से निर्मित होगी।

मंदिर निर्माण समिति ने बैठक के दौरान कंप्यूटर पर रामलला के उन चित्रों का आकलन भी किया, जिन्हें चुनिंदा मूर्तिकारों ने नमूने के तौर पर प्रस्तुत किया है। प्रस्तावित चित्रों में पांच साल के बच्चे के अनुरूप रामलला की कोमलता, देवत्व, बाल सुलभ मुस्कान, शरीर के ऊर्ध्व और अधोभाग के बीच संतुलन आदि पक्षों का बारीकी से विवेचन किया गया। इस तथ्य पर भी विचार किया गया कि रामलला के गर्भगृह की ऊंचाई नौ फीट एक इंच है, ऐसे में रामलला की मूर्ति कितनी ऊंची रखी जाय, उसकी आधार पीठ कितनी ऊंची हो, जिससे 35 फीट दूर से दर्शक रामलला को आपाद-मस्तक अधिकाधिक स्पष्टता से देख सकें।

तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि रामलला की मूर्ति के लिए कर्नाटक और उड़ीसा से भी पत्थर मंगवाए गए हैं और इन विकल्पों में रामलला की मूर्ति के पत्थर का चुनाव रामलला के नील गगन के सदृश रंग को ध्यान में रखकर किया जाएगा। रामजन्मभूमि परिसर स्थित मंदिर निर्माण की कार्यदायी संस्था एलएंडटी के कार्यालय में हुई बैठक में चंपतराय सहित ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंददेव गिरि, मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र, ट्रस्ट के सदस्य बिमलेंद्रमोहन मिश्र, डा. अनिल मिश्र आदि सहित कार्यदायी संस्था के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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