कई दिनों से कर्मचारियों में चल रहा था आक्रोश

इटावा, जागरण संवाददाता : लायन सफारी में पिछले 18 जुलाई से शेरनी हीर के शावको को जन्म देने व शावकों क

By Edited By: Publish:Sun, 26 Jul 2015 08:22 PM (IST) Updated:Sun, 26 Jul 2015 08:22 PM (IST)
कई दिनों से कर्मचारियों में चल रहा था आक्रोश

इटावा, जागरण संवाददाता : लायन सफारी में पिछले 18 जुलाई से शेरनी हीर के शावको को जन्म देने व शावकों की मौत के बाद कर्मचारियों का लगातार उत्पीड़न सफारी प्रबंधन द्वारा किया जा रहा था। सफारी के अंदर की खबरें बाहर न जाने को लेकर सफारी प्रबंधन शुरू से स्थानीय कर्मचारियों पर दबाव बनाये हुए था। उसके बाद भी मीडिया में लगातार आ रहीं खबरों को लेकर सफारी के अधिकारी स्थानीय कर्मचारियों पर लगातार शक कर रहे थे। यही वजह रही कि शनिवार की रात को अधिकारियों ने आपा खो दिया और चौकीदार ऋषि यादव की जमकर पिटाई की गई।

प्रदेश के वन्य जीव प्रतिपालक रूपक डे सहित निदेशक केके ¨सह ने शुरू से ही मीडिया को लायन सफारी में प्रतिबंधित कर रखा था। रविवार की शाम को लायन सफारी के गेट पर पहुंचे कर्मचारियों ने अपर जिलाधिकारी ईश्वर चंद्र से लगातार हो रहे उत्पीड़न की जानकारी दी। कर्मचारी लख्मी चंद ने बताया कि उसे भी चंद रोज पहले मारापीटा गया था परंतु वह नौकरी की खातिर चुप रह गया था। अन्य कर्मचारियों के साथ भी अभद्र व्यवहार किया जा रहा था। अपर जिलाधिकारी ने बताया कि उनकी जांच में कर्मचारियों ने अपने उत्पीड़न की बात कही है जिस पर उनसे लिखकर देने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि सफारी प्रबंधन ने इन कर्मचारियों पर बाहर के लोगों को रात में बुलाने की बात बतायी है।

सपा हाईकमान तक पहुंचा मामला

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट लायन सफारी में शनिवार को हुई चौकीदार के साथ मारपीट व हड़ताल का मामला सपा हाईकमान तक भी पहुंच गया है। मामले से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व अन्य बड़े नेताओं को भी अवगत कराया गया।

निदेशक के खिलाफ कार्रवाई पर अड़े कर्मचारी

लायन सफारी के कर्मचारी निदेशक केके ¨सह के खिलाफ कार्रवाई पर अड़े हुए हैं। कर्मचारी भानु यादव, लख्मी चंद, मनोज यादव, ओमकार, विनीत यादव, आनंद यादव, कृष्णा भदौरिया, विपिन बाबू ने बताया कि जब तक निदेशक के खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी तब तक वे कोई काम नहीं करेंगे और न ही किसी को कोई काम करने देंगे। उनका कहना था कि वे यहां पर नौकरी करने आये हैं मारपीट व उत्पीड़न सहने नहीं।

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