कड़ाके की शीतलहर, जनजीवन पर प्रभावित

एटा। दो बार हुई बारिश के बाद चल रही कड़ाके की शीतलहर का जनजीवन पर बुरा प्रभाव पड़ा है। स्कूली बच्चे ज्यादा परेशान दिखाई दिए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 29 Jan 2019 11:21 PM (IST) Updated:Tue, 29 Jan 2019 11:21 PM (IST)
कड़ाके की शीतलहर, जनजीवन पर प्रभावित
कड़ाके की शीतलहर, जनजीवन पर प्रभावित

जागरण संवाददाता, एटा: दो बार हुई बारिश के बाद चल रही कड़ाके की शीतलहर का जनजीवन पर व्यापक असर पड़ रहा है। सुबह के वक्त सबसे ज्यादा स्कूली बच्चे परेशान हो रहे हैं। इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों पर लोगों का ठंड से बुरा हाल है। चाहें रोडवेज बस स्टैंड हो या अन्य कोई प्राइवेट अड्डा, सुबह-शाम यहां यात्रियों को ठिठुरते देखा जा सकता है। इन दिनों पड़ रहे पाले के कारण भी ठंड ज्यादा बढ़ी है और तापमान में निरंतर गिरावट दर्ज की जा रही है।

इन दिनों शीतलहर चल रही है। दिन में धूप निकल रही है, फिर भी शीतलहर के कारण गलन भरी सर्दी है और धूप में भी लोगों को ठिठुरना पड़ रहा है। सुबह के वक्त पारा और ज्यादा गिर जाता है और ठंडी हवा सिहरन और ज्यादा बढ़ा देती है। ऐसे में रोडवेज बस स्टेंड पर यात्रियों का बुरा हाल हो जाता है। सुबह के वक्त अलाव जलाने की व्यवस्था भी बस स्टेंड पर नहीं है। सिर्फ एक अलाव रैन बसेरा पर जलता है, इसके अलावा कहीं भी ऐसी व्यवस्था नहीं कि यात्रियों को ठंड से थोड़ी राहत मिल सके। रात के वक्त भी यही हाल रहता है। ऐसे में यात्री सड़कों पर पड़ा कचरा एकत्रित कर उसमें आग लगा देते हैं तब कुछ राहत मिलती है।

शहर के कासगंज अड्डा, गंजडुंडवारा बस स्टैंड, सकीट अड्डा आदि ऐसे स्थान हैं जहां अलाव जलाने की व्यवस्था होनी चाहिए, मगर नगर पालिका ने इन स्थानों पर लकड़ी नहीं डलवाई। इधर सुबह के वक्त स्कूली बच्चे भी ठिठुर रहे हैं। प्रशासन ने कुछ दिन पहले तब अवकाश घोषित कर दिए, तब जितनी सर्दी अब पड़ रही है उतनी नहीं थी। इस समय अवकाश की अभिभावक जरूरत महसूस कर रहे हैं, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।

इस बीच एटा में मंगलवार को न्यूनतम तापमान छह डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 19 डिग्री सेल्सियस रहा।

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