मतदाता सूची में नहीं मिले नाम, मायूस हुए लोग

उत्साह के साथ मतदान केंद्रों पर पहुंचे कई लोगों को मायूसी हाथ लगी। मतदाता सूची में नाम न होने से कई जगह लोगों को वोट डाले बिना लौटना पड़ा। जिसके चलते महापर्व की खुशियों में ऐसे लोगों के चेहरों पर वोट न डाल सकने की कसक रही।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 11:40 PM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 11:40 PM (IST)
मतदाता सूची में नहीं मिले नाम, मायूस हुए लोग
मतदाता सूची में नहीं मिले नाम, मायूस हुए लोग

एटा, जासं। उत्साह के साथ मतदान केंद्रों पर पहुंचे कई लोगों को मायूसी हाथ लगी। मतदाता सूची में नाम न होने से कई जगह लोगों को वोट डाले बिना लौटना पड़ा। जिसके चलते महापर्व की खुशियों में ऐसे लोगों के चेहरों पर वोट न डाल सकने की कसक रही।

अक्सर बीएलओ और तंत्र की लापरवाही से ऐसा होता आया है। मृतकों के नाम सूची में चलते रहते हैं और पात्र लोगों के नाम गायब हो जाते हैं। ऐसे ही तमाम मामले मंगलवार को मतदान प्रक्रिया के दौरान सामने आए। शहर से लेकर गांवों तक तमाम मतदाता मतदान केंद्रों पर लोग निराश खड़े थे। पूछने पर बताया कि उनका नाम सूची में नहीं है। शहर के पटियाली गेट, होली गेट, कैलाशगंज, मेहता पार्क आदि इलाकों के कई मतदाताओं को बूथ पर पहुंचकर पता लगा कि उनका नाम सूची में दर्ज नहीं है। बीएलओ के पास उपलब्ध सूची में काफी माथापच्ची की। लाख दलीलें देकर वोट डालने की मिन्नतें करते रहे, लेकिन उनकी एक नहीं सुनी गई। ऐसे में उन्हें लौटना ही पड़ा।

मतदान वाले दिन देखने को मिलीं इन गड़बड़ियों ने प्रशासनिक दावों के बारे में सोचने को मजबूर कर दिया है। प्रशासन का कहना था कि बीएलओ को घर-घर भेजकर एक-एक मतदाता की स्थिति पता कराई गई है। कहीं भी मृतक, शिफ्टेड वोट नहीं होंगे और न ही किसी मतदाता का नाम कटेगा। लेकिन मंगलवार का नजारा देख लगा कि ये सब दावे कोरे ही थे। बीएलओ घर-घर पहुंचे ही नहीं, एक जगह बैठ अपने मन से या लोगों के बताने पर सूचियां फाइनल कर लीं और चुनाव मशीनरी से जुड़े आला अफसरों ने भी बिना पड़ताल के इन पर मुहर लगा दी।

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